Nand Kumar Sai: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी को प्रदेश में बड़ा झटका मिला है. बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इसको लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज हो गई है.
बीजेपी अभी भी Nand Kumar Sai की वापसी की उम्मीद लगा रही है. साय के करीबी पूर्व गृहमंत्री और आदिवासी नेता रामविचार नेताम इस मामले पर पड़ताल करने की बात कर रहे हैं.
दरअसल बीजेपी के सीनियर लीडर रामविचार नेताम ने Nand Kumar Sai के इस्तीफे पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि नंद कुमार साय के कांग्रेस प्रवेश से मैं व्यक्तिगत रूप से आहत हूं. वे हमारे कुशल मार्गदर्शक और मेरे शुभचिंतक हैं लेकिन आज की परिस्थिति में उनका कांग्रेस में प्रवेश होना और उनका वक्तव्य कि उनका यह निर्णय आदिवासी हितों की रक्षा से जुड़ा हुआ है यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है.
जिन आदिवासी हितों के लिए सालों से नंद कुमार साय कांग्रेस की खिलाफत करते रहे, आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठने से आदिवासी हितों का संरक्षण कहां से हो गया, यह मेरे व किसी के लिए भी समझ से परे है.
रामविचार ने कहा कि नंद कुमार साय के लिए बीजेपी ने जो कुछ भी किया है, इसके लिए प्रशंसा के शब्द भी कम पड़ जाते हैं. एक छोटे परिवार में भी अनबन की स्थिति बनी रहती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई अपने पड़ोस के परिवार में जा कर शामिल हो जाए. बीजेपी संपूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली हम सभी की एक बड़ी पारिवारिक पार्टी है.
ऐसे में आदिवासी समाज के इतने बड़े नेता का कांग्रेस में जाना औचित्यहीन है. निश्चित रूप से इनके कांग्रेस प्रवेश की अंदर की कहानी कुछ और होगी जिसकी पड़ताल की जाएगी और मेरे साथ पार्टी का यह प्रयास रहेगा कि नंद कुमार साय को वापस उनके वास्तविक कर्म क्षेत्र में ला सकें.
30 अप्रैल को नंद कुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा देते हुए पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लिया. इसके अगले दिन 1 मई को नंदकुमार साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ले ली. इस दौरान नंदकुमार साय ने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं.
मैं अटल बिहारी वाजपेई को फॉलो करता था. उन्होंने कहा बीजेपी अब अटल-आडवाणी वाली बीजेपी नहीं रही अब बीजेपी का स्वरूप बदल चुका है. परिस्थितियां बदल चुकी हैं. साय ने कहा कि भूपेश सरकार की मैंने स्टडी की है. छत्तीसगढ़ में छोटे गांव और कस्बे अब शहर बन गए हैं. मैं आज की तारीख में बीजेपी के किसी के पद पर नहीं था. मैं एक सामान्य कार्यकर्ता था.