रायपुर।लोकतंत्र में सबको अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से और रखने का हक है और कर्मचारियों का संगठन सरकार को विरोध जता कर अपना हक मांगता है। इसी के चलते प्रदेश में राज्य के इसी जुलाई में कर्मचारियों के दो महत्वपूर्ण आंदोलन होने जा रहे हैं।22 जुलाई को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने एक दिवसीय रायपुर में विधानसभा घेराव और धरना आंदोलन होने जा रहा है इसके अलावा केंद्र के समान DA और सातवें वेतनमान के HRA की मांग को 25 जुलाई से शुरू होने वाले आंदोलन का अपडेट की ताजा जानकारी लेकर हम आये है।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन अपनी 1 सूत्री मांग को लेकर 22 जुलाई को राजधानी रायपुर में अपना एक दिवसीय विधानसभा घेराव और धरना प्रदर्शन को लेकर सक्रिय हो गया है जिसकी तैयारियां रायपुर सहित प्रदेश के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में बीते कई हफ़्तों से शुरू हो चुकी थी। अब शिक्षक आंदोलन में भाग लेने के लिए रायपुर कुच कर चुके हैं।सरकार के कार्यकाल का साढ़े तीन साल होने को है। वेतन विसंगति की कमेटी की रिपोर्ट अब तक नही आई है। जिससे नाराज सहायक शिक्षक मनीष मिश्रा की अगुवाई में सहायक शिक्षक फेडरेशन ने बैनर तले एक दिवसीय विधानसभा घेराव करने जा रहे है ।आइए देखते है फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने क्या कहा है।
प्रदेश में दूसरा आंदोलन
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की अगुवाई में प्रदेश के लगभग 80 कर्मचारी अधिकारी संगठन केंद्र सरकार के समान और केंद्र सरकार के जैसे देय तारीख से 34% महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर 25 से 29 जुलाई से पांच दिन का निश्चित कालीन चरणबद्ध आंदोलन का आगाज कर चुके है।जिसकी तैयारियां जोरों पर है। इस आंदोलन में शिक्षक संगठन भी शामिल है। जिसमे सहायक शिक्षक फेडरेशन भी महत्वपूर्ण भूमिका में है।
इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह निश्चित आंदोलन है। इस पांच दिन के आंदोलन से 9 दिन की सरकारी व्यवस्था प्रभावित होने वाली है।23 जुलाई को शनिवार की छुट्टी और 24 को रविवार है।और 25 सोमवार से 29 जुलाई शुक्रवार तक आंदोलन रहेगा। फिर 30 जुलाई शनिवार और 31 को रविवार है।मतलब सरकारी कार्यलय के कर्मचारी अधिकारी अब एक अगस्त तक आंदोलन में रहने वाले है। इसमे शिक्षक संवर्ग के शामिल होने से सिर्फ चार दिन की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी । 27 तारीख को हरेली की छुट्टी है।शिक्षक संवर्ग को शनिवार को छुट्टियां मिलती नही है।
कर्मचारी अधिकारी महासंघ और टीचर एसोसिएशन ,शालेय शिक्षक संघ ,नवीन शिक्षक संघ जो इस आंदोलन में केंद्र के समान DA और सातवें वेतनमान के HRA की मांग को 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की मांग को लेकर आह्वान किया हुआ है। वह किस ओर की करवट लेकर आंदोलन में शामिल होगा इसे लेकर भी संशय बना हुआ है। क्योंकि इनका मानना है कि संयुक्त मोर्चा बना कर अनिश्चितकालीन आंदोलन होना चाहिए । ऐसे ही विचार कर्मचारी अधिकारी महासंघ के भी है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी इस आंदोलन में कैसी भूमिका में रहेगा इस पर महासंघ की 22 जुलाई की बैठक में बनने वाली रणनीति में तय हो सकता है।क्योंकि इनका भी यही मानना है कि संयुक्त मोर्चा बना कर अनिश्चितकालीन आंदोलन होना चाहिए । और एक बैनर होना चाहिए।हक की लड़ाई में संगठन छोटा हो या बड़ा महत्व बराबर मिलना चाहिए।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चरणबद्ध आंदोलन का पक्षधर है। उन्हें पांच दिन के आंदोलन में 9 दिन का आंदोलन दिखाई दे रहा है। और इतना दबाव किसी भी सरकार के लिए पर्याप्त लगता है।यदि बात नही बनी तो आगे विकल्प तो खुले हुए ही है।इस आंदोलन में प्रदेश के 80 संगठन शामिल होने वाले है लेकिन संख्या बल और संगठन के नजरिए से मनीष मिश्रा के नेतृत्व वाला छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन और केदार जैन के नेतृत्व वाला प्रदेश सँयुक्त शिक्षक संघ है। जो कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चरणबद्ध आंदोलन में शिक्षक संवर्ग के रूप में मास्टर स्ट्रोक है। जिसकी वजह से प्रदेश के कई स्कूलों में ताले लगने तय है।इस आंदोलन में एक और अपडेट यह है कि इस आंदोलन में गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन भी तीसरे धड़े के रूप में कूद गया है। जो 23 जुलाई तक अपनी रणनीति सामने ला सकता है।