.और छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास..साढ़े 10 लाख से अधिक लोगों ने कराया पंजीयन..वर्चुअल मैराथन में हिस्सेदारी कर बढ़ाया..योग से निरोग की ओर कदम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर/ रायपुर–छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना काल के बीच इतिहास रच दिया है। सामाजिक कल्याण विभाग के बैनर तले वर्चुअल अन्तर्राष्ट्रीय योग मैराथन का आयोजन किया। आयोजन में एक साथ साढ़े दस लाख से अधिक लोगों ने एक साथ हिस्सेरदारी कर र्रिकार्ड बनाया है। समाज कल्याण विभाग के संचालक और आयोजन के नोडल अधिकारी पी.दयानन्द ने बताया कि आंकड़ा इससे भी अधिक है। विश्व मे एक साथ पहली बार लाखों की संख्या में लोगों ने योग मैराथन में शिरकत किया है। आयोजन की सफलता और योगियों की संख्या ने गिनीज बुक में स्थान दर्ज किया है।

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                    21 जून को छत्तीसगढ़ सरकार ने समाज कल्याण विभाग के बैनर तले रिकार्ड अन्तर्राष्ट्रीय योग मैराथन दिवस का आयोजन किया। जानकारी के अनुसार करीब साढ़े 10 लाख से अधिक लोगों ने एक साथ योग मैराथन में शिरकत किया। बिना पंजीकृत लोगो ने भी योग मैराथन में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

                            समाज कल्याण विभाग संचालक और अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के नोडल अधिकारी पी.दयानन्द ने बताया कि अभियान में प्रदेश के मुखिया समेत 28 जिलों के जागरूक लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसके अलावा भी बिना पंजीकृत योगी भी शामिल हुए। पी.दयानन्द ने बताया कि आयोजन की सफलता को गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है। संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आयोजन को गिनीज बुक रिकार्ड में दर्ज किया जाए। आयोजन 21  जून की सुबह से शुरू हुआ है। समापन 22 जून की सुबह होगा। इस दौरान योगियों का आंकडा अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंचेगा। 

        सरकार का यह आयोजन लोगों को खुद के प्रति सजग करना है। कोरोना काल के विषम परिस्थिति में योग का विशेष महत्व महसूस किया गया है। योग पौराणिक काल से ही जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। नियमित योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। ऋषि मुनि और प्रकृतिवेत्ताओं ने योग को लेकर कई फायदे बताये हैं। पतंजलि ग्रंध समेत सभी धर्मों के किताबों में योग प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी गयी है। 

                दयानन्द ने बताया कि नोडल अधिकारी होने के नाते लोगों से निवेदन है कि योग को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। सामान्य रोग के लिए किसी को भी  अस्पताल दौड़ने की जरूरत नही होगा। योग से सारे रोगो को विराम लगाया जा सकता है। इस बात को ना केवल डॉक्टर बल्कि वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है। तमाम परीक्षण और अनुसंधान के बाद यूएनओ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का एलान किया। आज भारत से कहीं ज्यादा विदेशों में योग किया जा रहा है और एक दिन बल्कि रोजाना किया जा रहा है।

                   दयानन्द ने कहा योग मैराथन आयोजन का मूल उद्देश्य लोगों को योग के माध्यम से शरीर को निरोगी होने का संदेश देना है। सरकार के प्रयास से हम कामयाब होते दिखाई भी दे रहे हैं। खुद मुख्यममंत्री ने प्रदेश वासियों को योग करने का संदेश दिया है। हमें खुशी है कि आयोजन को लोगों ने हाथों हाथ लिया है।  सबसे अपील है कि योग को जीवन में शामिल करें। मिलकर जिला प्रदेश और देश को निरोगी बनाएं। टीकाकरण अभियान को भी सफल बनाएं। योग करें और निरोग रहें।

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