शिकायत बड़ी तो आए..तब चलाएंगे हंटर..दिखेगी ताकत खाद्य आयोग अध्यक्ष ने कहा..नान पुराना मामला

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरमीत सिंह बाबरा ने कहा कि नान पुराना मा्मला है। मामले में अब कुछ नहीं कहना। जब शिकायत बड़ी आएगी…तब लोगों को पता चलेगा कि आयोग में ताकत कितनी है। फिलहाल कोरोना के कारण शायद बड़ी शिकायत नहीं आ रही है। आएगी तो हंटर जरूर चलाएंगे।

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                  खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरमीत सिंह बावरा अल्प प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होने खाद्य विभाग आदिवासी,महिला विभाग और स्कूल समेत अन्य संबधित अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद आयोग के चैयरमैन पत्रकारों से बातचीत भी की।

                सवाल जवाब के दौरान गुरमीत सिंह ने बताया कि बैठक में अधिकारियों को मिल रही शिकायतों को दूर करने को कहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि पुरानी शिकायतों को दूर कर लिया गया है। आज कुछ शिकायतें मिली है..अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लोगों की समस्याओं को दूर कर जानकारी दें।

                        नान घोटाले के सवाल खाद्य आयोग के चेयरमैन ने कहा कि मामला पुराना हो चुका है। सब कुछ कोर्ट के हवाले है। इसलिए इस पर कुछ नहीं बोलना बेहतर होगा।

           क्या खाद्य आयोग शो पीस बनकर रह जाएगा। गड़बड़ियों के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है। क्या आयोग के पास कार्रवाई की ताकत है। चैयरमैन ने बताया कि बड़ी शिकायत आएगी तो लोगों को आयोग के ताकत का अहसास होगा। हंटर भी चलाएंगे। उन्होने काह कि कोरोना महामारी के चलते शायद बड़ी शिकायतें पहुंच नहीं रही है। जैसे ही कोई बड़ी शिकायत होगी। खाद्य आयोग अपनी ताकत का परिचय भी कराएगा।

                दो साल पहले कुछ राशन दुकानों को अटैच किया गया..कुछ को बन्द भी किया गया। दोषियों के खिलाफ एफआईआर का आदेश भी दिया गया। बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सवाल के जवाब में गुरमीत सिंह ने बताया कि दो साल पहले के किसी पुराने मा्मले की जानकारी उन्हें नहीं है। ना ही मामला हमारे सामने ही आया है। 

                  मस्तूरी क्षेत्र के दो एक स्कूल ऐसे हैं जहां मध्यान्ह भोजन नहीं दिया गया। बावजूद इसके हिसाब किताब ठीक है। क्या कोई कार्रवाई करेंगे। खाद्य आयोग अध्यक्ष ने कहा कि जरूर करेंगे। यदि कोई लिखित शिकायत करता है। जांच कराएंगे। गलती पाए जाने पर कार्रवाई भी करेंगे।

           आयोग को चुस्त दुरूस्त बनाने अभी तक आपने क्या किया है। गुरमीत सिंह ने कहा कि हमने कम समय में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव उपर दिए। और मुख्यमंत्री ने दोनों ही बातों को गंभीरता से लिया है। उन्होने बताया कि 119 ऐसे दुकान थे..जहां पहुंचमार्ग भी ठीक नहीं था। नदी नालो के बीच होकर लोगो को राशन दुकान जाना पड़ता था। लेकिन सीएम ने हमारी बातों को गंभीरता से लिया। सुविधाएं विकसित की गयी। इसका फायदा तीस हजार लोगों को मिला है। अब 50 जगह ही ऐसे रह गए हैं..यहां राशन दुकान को पहुंच क्षेत्र में लाया जाएगा। 

     गुरमीत ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री के संज्ञान लाया कि नक्सल खासकर बस्तर क्षेत्र में कई राशन दुकान रिहायशी क्षेत्र से पचास किलोमीटर से भी अधिक दूर है। सलवा जुड़ूम अभियान के समय विस्थापित लोगों के सुविधा के लिए क्षेत्र में दुकान खोला गया था। अब सभी लोग अपने घर लौट चुके हैं। लेकिन उन्हें राशन के लिए आज भी पचास किलोमीटर की दूरी करना पडता है। मुख्यमंत्रेी ने सुझाव को गंभीरता से लेते हुए आदिवासी क्षेत्र में राशन दुकानों  को ना केवल शिफ्ट कराया। बल्कि नए राशन दुकान भी कम दूरी पर खोले गए है।

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