नियमितिकरण को लेकर संविदा कर्मचारियों ने किया जंग का एलान…प्रदेश स्तर पर कलेक्टर कार्यालय का किया घेराव…लगाया..भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—संविदाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जनघोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने का दबाव बनाया है। श्याममोहन दुबे की अगुवाई में अच्छी खासी संख्या में संविदाकर्मियों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। साथ ही शासन प्रशासन पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगया है। इस दौरान श्याम मोहन दुबे ने कहा कि सरकार को वादा पूरा करते हुए अनियमित संविदा कर्मियों को विभाग के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती करे। 
संविदाकर्मियों ने सैकड़ों की संख्या में नियमितिकरण की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान संविदा कर्मियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने जनघोषणा में अनियमित संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। एक बार फिर चुनाव सिर पर है..लेकिन आज तक सरकार ने अनियमित कर्मियों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया है।   
श्रीकांत लास्कर, प्रदेश सचिव, ने कहा की वर्तमान में संविदा कर्मचारियों की स्थिति अच्छी नहीं है। जन घोषणा पत्र में वादा किया गया  था कि अनियमित संविदा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही होगी।
श्याम मोहन ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है। जहां सरकार अपने ही जन घोषणा का अपमान कर रही है। मुख्यमंत्री वादों को लेकर चुप हैं। नियमितीकरण को लेकर ना तो विधानसभा में कुछ बोलते है। और मीडिया में भी मामले को चुप हैं।  संविदा कर्मचारियों को नवीन सीधी भर्ती में न तो संविलियन किया जा रहा है । और ना ही किसी प्रकार की प्राथमिकता ही दी जा रही है। आयु सीमा में भी किसी प्रकार का लाभ शासन ने देने से मना कर दिया है। जिसके चलते संविदा कर्मचारियों की स्थिति डार के चुके बेन्दरा- अषाढ़ के चुके किसान जैसी हो गयी है।
हमारी मांग है कि सरकार विभागीय रिक्त पदों में संविदाकर्मियों को प्राथमिकता दे। जनघोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करे। मांग पूरी होने तक  हम सड़क से सदन तक अपनी आवाज बुलन्द करेंगे। श्याम ने  दुहराया कि इस बार चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी हमारी तरफ से नहीं होगी।
संविदा कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष परमेश्वर कौशिक ने बताया कि बताया कि 45 वर्ष से अधिक आयु होने के कारण बंहुत से संविदा कर्मचारी सीधी भर्ती में शामिल नही पा रहें है। संविदा पदों के विरूद्व कई विभागों में नियमों को दरकिनार कर भर्ती विज्ञापन जारी किए जा रहे है। संविदाकर्मचारियो को रिक्त पदों में दिखाया जा रहा है। जबकि पूर्व में शासन-प्रशासन ने नियमितीकरण को लेकर समिति का गठन कर जानकारी को साझा किया है।  कार्यरत कर्मचारियों की संख्या और  उपयोगिता को शासन के भी सामने रखा है।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि  साढ़े चार साल बाद भी जन घोषणा पत्र में नियमितिकरण के वादा को पूरा नहीं किया गया है। चुनाव पूर्व सभी संविदाकर्मियों को बाहर निकाला जा रहा है। उनके सामने रोजी रोटी की संकट खड़ी हो गयी है। हमने मंगलवार को प्रदेश के सभी 33 जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सरकार को आगाह किया है।
    छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के सदस्य राजकुमार यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार के पास अब बहुत कम समय बचा है। सरकार ने हम संविदा कर्मचारियों के भावनाओं के साथ मजाक किया है। वादा याद दिलाने सरकार से कई बार पत्राचार किया गया। बावजूद इसके भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया।  ना ही सरकार की तरफ से किसी प्रकार का संवाद का प्रयास ही किया गया है।
      प्रंतीय टीम और जिला संयोजक टेकलाल पाटले, ने कहा कि सरकार के मुखिया 14 फरवरी 2019 को कर्मचारियों के मंच से एलान किया था कि यह वर्ष किसानों का है अगला वर्ष आप कर्मचारियों का होगा। चिंता की बात है कि ना केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि सरकार और प्रदेश के मुखिया के घोषणा पर  आज तक अमल नहीं किया गया।
मीडिया प्रभारी प्रमिल लठारेने बताया कि ज्ञापन में मानसून सत्र में प्रस्तुत अनुपूरक बजट में अनिवार्य रूप से नियमितीकरण का अपना वादा कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार को पूरा करना चाहिए। इस दौरान बिलासपुर के संविदा कर्मचारियों ने दुहराया कि सरकार हमें सड़क की लड़ाई के लिए मजबूर कर रही है।
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