मंत्री के इस्तीफे की मांग

Shri Mi
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रायपुर।शनिवार रात में एर्राबोर में पोटा केबिन में आदिवासी नाबालिग छात्रा के दुष्कर्म के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोंटा के विधायक एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा के इस्तीफा की मांग की है।

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धनीराम बारसे का कहना है कि सुकमा जिला में इस प्रकार एक महीना के अंदर-अंदर नाबालिक बच्ची पर दुष्कर्म का यह दूसरा मामला है। सुकमा का कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि इस भयानक मामले में अब तक गिरफ्तारी न होना किसी घोर आश्चर्य से कम नही।

श्री बारसे ने कहा कि पोटा केबिन के अंदर भी बच्ची सुरक्षित नहीं। धनीराम बारसे ने कहा कि पोटा केबिन अधीक्षक के पद पर कवासी लखमा के इशारे पर मोटी कमीशन वसूल करके नाकाबिल लोगों की नियुक्तियां की जा रही है।

मोटा कमीशन देने की एवज में कांग्रेस सरकार के द्वारा कवासी लखमा के इशारे पर पूरी तरह से छूट दी जा रही है। इसी का परिणाम है कि इस तरह के दुष्कर्म की घटना सामने आई है।

इसीलिए स्थानीय मंत्री कवासी लखमा को इस्तीफा देना चाहिए। उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं। जवाबदेही से बचने के लिए कवासी लखमा के पुत्र हरीश कवासी सोशल मीडिया के ग्रुप से तत्काल लेफ्ट हो गए। हर मुद्दे पर राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेता इस घटना पर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।

मणिपुर की घटना पर राजनीति करने वाले अब आदिवासी छात्र पर हुए दुष्कर्म के मामले पर चुप क्यों है।

धनीराम बारसे ने कहा कि एर्राबोर पोटा केबिन में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं एवं उनके पालक इतने भयभीत हैं कि अपनी बच्चियों को इस पोटा केबिन से वापस घर ले जा रहे हैं। सरकार की व्यवस्था पर उनको यकीन नहीं है। रिपेयरिंग के नाम से अनाप-शनाप खर्चा करने वाले शिक्षा विभाग में पोटा केबिन की हालत बद से बदतर है।

जिस से दुष्कर्म करने वाला अपराधी आसानी से आ जा रहा है। शासन की घोर लापरवाही है। पोटा केबिन में पढ़ने वाली बच्चियां सुरक्षित नहीं है। और तो और पोटा केबिन की अधीक्षिका ने इस मामले को दबाने का कोशिश किया। शनिवार रात को हुए मामले को दबाने का कोशिश किया गया। और उसी अधीक्षिका को प्रार्थी बना कर रिपोर्ट दर्ज किया जा रहा है।

जबकि अधीक्षिका पर एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए परंतु कांग्रेस के स्थानीय विधायक के श्रेय से उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। अधीक्षिका कांग्रेस के स्थानीय नेता की बहन भी है। इसलिए उसके ऊपर सिर्फ अनौपचारिक कार्यवाही किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों के अनुसार अधिकक्षा का पति भी उस पोटा केबिन में आना-जाना करता था एवं रात भी बिताता था। कन्या पोटा केबिन में किसी पुरुष का रात बिताना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

चार दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। धनीराम बारसे ने कहा कि हमें शक है कि जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

इस मामले में जल्द से जल्द आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर के उग्र आंदोलन करेंगे और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कवासी लखमा से इस मामले में इस्तीफा मांगते हैं। नैतिकता के आधार पर कवासी लखमा को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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