द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण के लिए मायके से आई संथाली साड़ी, जानें इन साड़ियों की खासियत

Shri Mi
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दिल्ली।25 जुलाई को जब भारत के राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू शपथ लेंगी तो वह पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा. देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के साथ वह सबसे कम उम्र में भी प्रेसिडेंट बनने का इतिहास रच देंगी. इस खास मौके पर उनके लिए मायके से तोहफा आया है. द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में उनके परिवार से 4 ही लोग शामिल हो रहे हैं. उनके बेटी-दामाद के साथ भाई और भाभी दिल्ली पहुंच गए हैं. मुर्मू की भाभी सुकरी ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह ननद के शपथ ग्रहण के लिए संथाली साड़ी लेकर जा रही हैं.  

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मुर्मू की बेटी इतिश्री बैंक अधिकारी हैं और उनके पति भी समारोह का हिस्सा होंगे. हालांकि, औपचारिक कार्यक्रम में पीएम मोदी, उपराज्यपाल वेंकैया नायडू समेत कैबिनेट के कई मंत्री और विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी खास तौर पर दिल्ली पहुंचे हैं. मुर्मू मूल रूप से ओडिशा की ही रहने वाली हैं. 

संथाली साड़ी कला और हस्तशिल्प की मिसाल 

संथाली साड़ियों की अपनी खासियत होती है और ऋतु कुमार, सब्यसाची जैसे फैशन डिजाइनर तो अपने कई शो सिर्फ ट्राइबल आर्ट को समर्पित कर चुके हैं. संथाली साड़ियों को हस्तशिल्प का उदाहरण माना जाता है. इनकी विशेषता ओडिशा के धागों के साथ बॉर्डर पर किया जाने वाला बारीक काम होता है. बॉर्डर पर लंबी धारियां होती हैं और आम तौर पर ये साड़ियां पीले और सफेद रंगों में मिलती हैं

धागों से यह बुनावट सुनहरे और पीले जैसे रंगो से की जाती है. इन साड़ियों को पहले रोज़मर्रा के कामों में भी इस्तेमाल किया जाता था और तीज-त्योहारों में भी. हालांकि, पिछले कुछ दशक से मशीन और हैंडलूम का कारोबार बढ़ने के बाद इनका प्रचलन पहले जितना नहीं रहा है.   

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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