एक महीने बाद भी शिक्षा विभाग के 103 कर्मचारियों ने नहीं किया ज्वाइन..मुंगेली में जमकर चर्चा..भूल किसकी?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मुंगेली जिला शिक्षा विभाग जो ना करे..वह थोड़ा। बैक डेट से स्थानांतरण आदेश निकालने की ऐसी हड़बड़ी की आवेदन तारीख से पहले स्थानातंरण आदेश जार कर दिया है। अब जिला शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। चर्चा यह भी हो रही है कि आखिर यह कैसे संभव है।

                 लगभग दो साल बाद प्रदेश में स्थानातंरण का दरवाजा खुला है। लंबे इंतजार के बाद कर्मचारियों को स्थानातंरण की सौगात राज्य सरकार ने दिया है। इसी क्रम में शासन के निर्देश के अनुसार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के ऐसे कर्मचारी जो जिले के अंदर ही अपना स्थानांतरण करवाना चाहते हैं। 16 अगस्त से संबधित विभाग के जरिए आवेदन पत्र जमा कर सकते थे। 
 
           शासन ने आदेश में स्पष्ट किया है कि जिलो के प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के बाद कलेक्टर के स्थानीय कर्मचारियों का स्थान्तरण आदेश जारी करेंगे। हालांकि स्थानांतरण नीति 2022 के अनुसार  पूरी प्रकिया जिलों कलेक्टरो को 10 सितंबर तक पूरी कर लेना था। लेकिन प्रदेश में केवल गरियाबंद जिले को छोड़कर किसी जिला का स्थानांतरण आदेश निर्धारित समय में से जारी नहीं किया जा सका है। 
 
                   इसी क्रम में सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर जिलो ने स्थानांतरण आदेश जारी कर दिय ाहै। बाकी बचे जिलो में प्रकिया अंतिम चरण में है। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम या दो  एक दिन के अन्दर कमोबेश सभी जिलों की स्थानांतरण सूची को कलेक्टर जारी कर देंगे।
 
मुंगेली जिले का अलग ही रंग
 
            सोमवार को 10 सितम्बर गुजरने के दो दिन बाद तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की स्थानांतरण सूची को मुंगेली जिला प्रशासन ने जारी कर दिया। मजेदार बात है कि स्थानांतरण सूची जारी करते समय बाबुओं ने कुछ ज्यादा ही हड़बड़ी कर दिया। स्थानान्तरण सूची में 10 सितम्बर की जगह 10 अगस्त 2022 लिखा गया है। मतलब शासन के आदेश के पहले ही कर्मचारियों का स्थानान्तरण कर दिया गया। जबकि शासन के आदेश में स्पष्ट है कि निर्देश जारी होने के बाद पन्द्रह दिनों के अन्दर स्थानान्तरण किए गए कर्मचारियों को बताए गए स्थान पर उपस्थिति देना है।
 
                    सोमवार को जिला मुंगेली प्रशासन से जारी आदेश पर अमल किया जाए तो शिक्षा विभाग के 103 कर्मचारियों को 15 दिवस के अंदर यानि 25 अगस्त तक स्थानांतरित किए गए कार्यालय में उपस्थिति देना था। लेकिन अभी तक किसी ने ज्वाइनिंग नही दिया है। जबकि महीना का अंतिम दिन 31 अगस्त की तारीख भी निकल चुकी है। बहरहाल तारीख आदेश को लेकर मुंगेली में जमकर चर्चा है। और सवाल भी उठ रहा है कि प्रसशानिक स्तर पर इतनी बड़ी भूल कैसे संभव है।
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