पूर्व मंत्री अमर की खुली चुनौती..कहा-जिसकी बातों में गंभीरता नहीं..शब्दों में वजन नहीं..उस पर कुछ बोलना नहीं,सरकार आपकी,नसबन्दी की जांच तो करवाएं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जिसकी बातों में वजन नहीं..शब्दों में गंभीरता नहीं..उसकी बातों का जवाब भी देना ठीक नहीं समझता ..रही बात नसबन्दी के आरोपियों को पकड़ने की…तो जांच कराएं…पता चल जाएगा..जिम्मेदार कौन है..यह भी पता चल जाएगा कि वह कहां छिपा था। यह बातें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने हुंकार रैली के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। अमर ने कहा..प्रदेश में महिलाओं के प्रति अत्याचार बढ़ गया है। रेडी टू ईट निजी हाथों के हवाले कर दिया गया है। 22 हजार से अधिक महिलाएं बेरोजगार हो गयी है। जबकि रेडी टू ईट को लेकर हमारी योजना की तारीफ सुप्रीम कोर्ट ने भी किया है।

                                   अमर अग्रवाल ने कहा कि पिछले चार सालों में महिलाएं पर अत्याचार बढ़ा है। शराबबन्दी तो दूर..अब घर सेवा हो गया। प्रदेश के कोने कोने कोने से महिलाएं हुंकार पहुंची है। छत्तीसगढ़ की महतारी में भयंकर आक्रोश है। जब महतारी हुंकार भरेगी..तो सरकार का जाना तय है। 

           अमर ने कहा कि आंगनबाड़ी के माध्यम से रेडी टू ईट की व्यवस्था स्वसहायता समूहों को दिया गया। लेकिन सरकार ने नीजि हाथों को दे दिया है। जबकि हमारी व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट ने भी सराहा है। 22 हजार से अधिक महिलाएं बेरोजगार हो गयी है।

              नसबन्दी मामले को लेकर कांग्रेस विधायक के बयान पर अमर ने कहा..मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का जवाब नहीं देता..जिसके बातों और शब्दों में हल्कापन हो। समय आने पर जवाब दिया जाएगा। लेकिन बताना चाहता हूं कि सरकार कांग्रेस की है। जांच करवाना चाहिए। पता चल जाएगा कि नसबन्दी को लेकर दोषी कौन है। आरोपी कहां छिपा था। 

                          अमर ने चुनौती दिया कि पहले तो जांच करवाएं। कांग्रेस नेताओं के बीच सिर फुटौव्वल की स्थिति है। विधायक को समझना चाहिए कि चार साल होने के बाद भी सिर्फ आरोप ही लगाएंगे या फिर जांच भी करवाएंगे।    

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