राजस्व का सारा काम ठप….किसान नेता धीरेन्द्र ने कहा…काम नहीं आएगा डिजिटाइजेशन….बिना पटवारी नहीं बनता किसानों का काम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने सरकार से आग्रह किया है कि किसानों की समस्या का सरकार जल्द जल्द से समाधन करे। पटवारियों के हड़ताल पर जाने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का अड़ियल रवैया ठीक नहीं है। इसका खामियाजा गरीब किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार अडियल रवैया छोड़ते हुए पटवारियों की समस्या का समाधान करे। पटवारियों की हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म करने को कहे। धीरेन्द्र ने कहा कि कि पटवारी वर्ग ग्राम व्यवस्था से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण अंग होते हैं।  किसान की भूमि का पूरा हिसाब किताब पटवारी के पास होता है। ऐसे में पटवारियों की हड़ताल किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है।
हड़ताल करते पटवारियों को  लगभग एक माह हो चुके हैं। ऐसे में राजस्व के सभी काम ठप है। किसानों को सबसे ज्यादा पटवारियों की ही जरूरत होती है। कितना भी डिजिटाइजेशन हो जाए… लेकिन बहुत से काम पटवारियों के बिना संभव नहीं है। और ना ही किसानों की समस्या अल्टरनेट व्यवस्था हल होने वाली है। भूमि की नाप जोख पटवारी ही करता है। ऐसी कोई मशीन नहीं है जो जमीन की नाप जोख करे। 
धीरेन्द्र ने कहा कि पटवारियों के हड़ताल को सरकार सहानुभूति से लेते हुए समाधान निकाले। मामले में अड़ियल रवैया ठीक नहीं है। किसान नेता ने दुहराया कि पटवारियों की जायज मांग को सरकार को तत्काल निकारण करने की जरूरत है।
यद्यपि सरकार ने रकबे खसरे में त्रुटि सुधार को लेकर एसडीएम को अधिकृत किया है। किसान के नाम का एक अक्षर भी ग़लत हो गया तो उसके लिए एसडीएम को आवेदन करना होगा। समस्या एसडीएम को आवेदन की नहीं है बल्कि ब्लॉक मुख्यालयों की दूरी किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है।
धीरेन्द्र ने कहा कि पटवारियों की हड़ताल से फौत, सीमांकन, नामांतरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य रुक गए हैं। जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। भारतीय किसान संघ की मांग है कि पटवारियों के साथ संवाद कर हड़ताल से लौटने को कहे। इससे किसानों पर सरकार का बहुत बड़ा अहसान होगा। 
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