हरेली की दस्तक…गली–गली सुनाई देगी चर्र–चर्र की आवाज…हाई टेक बाजार में गेंड़ी को मिली जगह…सीमार्ट पहुंच रहे शौकिन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— छत्तीसगढ़ राज्य का प्रमुख उत्सव को लेकर लोगों में अभी से उत्साह और उमंग दिखाई देने लगा है। बाजार में हरियाली के साथ रौनक ने भी दस्तक दे दिया है। पहली बार बाजार में परम्परागत पर्व को ध्यान में रखते हुए गेंडी का बाजार भी सज गया है। सीमार्ट में खरीदने वालों के साथ गेंड़ी देखने वालों का भी तांता लगना शुरू हो गया है। मजेदार बात है कि लोगों में बाजार में गेंड़ी बिक्री होने की जानकारी के बाद लोगों के चेहरे खिल गए हैं। 
माटीपुत्र प्रदेश मुखिया भूपेश बघेल की मंशानुरूप इस बार भी हरेली उत्सव प्रदेश में धूम धाम से मनाया जाएगा। स्थानीय संस्कृति के प्रति लोगों में लगाव पैदा करने हरेली उत्सव पर हर बार की तरह इस बार भी अवकाश होगा। इस बार भी लोग मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के लोग गेंड़़ी का आनन्द लेंगे। गेंड़ी शौकिनों को गेड़ी सहज उपलब्ध हो…इसके लिए बाजार में गेंड़ी भी लांच हो गया है। सी मार्ट में गेंड़ी बाजार लोगों का आकर्षण का केन्द्र बन गया है।
जानकारी देते चलें कि लघु उद्योग को बढ़ावा देने के क्रम में इस बार गाड़ी बनाने वालों को शासन ने सीमार्ट में स्थान दिया है। आम-नागरिक सीमार्ट से 60 रूपये से लेकर 120 रूपये में गेंड़ी खरीद सकते हैं। मजेदार बात है कि गेड़ी बनाते समय सभी उम्र के लोगों का ध्यान रखा गया है।
बताते चलें कि हरेली तिहार के साथ छत्तीसगढ में गेड़ी चढ़ने की परंपरा अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है। त्योहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों में गेड़ी का निर्माण किया जाता है। बच्चे और युवा गेड़ी का जमकर आनंद लेते हैं। गेड़ी चढ़कर ग्रामीण-जन और कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करता है।
वर्षा ऋतु के दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है। लेकिन गेड़ी चढ़कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है। गेड़ियां बांस से बनाई जाती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाई जाती है। एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर दो भागों में बांटा जाता है,। दोनों भागों को मजबूत रस्सी से बांधकर दो पउवा बनाया जाता है। यह पउवा असल में पैरदान होता है, जिसे लंबाई में पहले काटे गए दो बांसों में लगाई गई कीलों के ऊपर बांध दिया जाता है।
सबसे बड़ी बात की गेड़ी पर चलते समय रच-रच की  आवाज निकलती है। यह आवाज तन मन को  प्रफुल्लित कर देता है। लोग एक दूसरे के घर आंगन पहुंचते हैं। सड़क पर निकलकर गेंड़ी दौड़ते है। खासकर युवा और बच्चे अपनी अपनी गेंड़ी का एक दूसरे से तुलना कर खुश होते है।
ध्वनि निकलती है, जो वातावरण को और आनंददायक बना देती है। 
रचना/35/793
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[11/07, 5:26 pm] DEEPAK YADAV DPR: समाचार
*नियमितिकरण हेतु आवेदन की तिथि 12 अगस्त तक बढ़ाई गई*
बिलासपुर, 11 जुलाई 2023/जिले में अनधिकृत विकास के नियमितिकरण के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 जुलाई से बढ़ाकर 12 अगस्त तक कर दी गई है। कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला नियमितिकरण प्राधिकारी द्वारा संपत्तियों का सर्वे या जानकारी के अभाव, भू-उपयोग प्रमाण पत्रों में विलंब, राजस्व विभाग के पटवारियों के हड़ताल इत्यादि के कारण विशेष परिस्थिति में अधिनियम के प्रावधान अनुसार छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम के तहत आवेदन प्राप्ति हेतु अवधि में 30 दिन की वृद्धि की गई है। संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश ने बताया कि जिले के नागरिक छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास के नियमितिकरण के अंतर्गत नगरीय निकाय क्षेत्र के आवेदन संबंधित नगरीय निकाय व निवेश क्षेत्र अंतर्गत आवेदन कार्यालय संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर में 12 अगस्त तक जमा कर सकते हैं। 
सोरी/36/794
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