बिलासपुर—–नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया कोयला मंत्रालय के सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी विशेष रूप से शामिल हुए। इस दौारन खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने व्यावसायिक कोयला खनन के लिए खदानों की नीलामी के लिए आगामी चरण में लांच किए जाने का एलान किया।
नई दिल्ली में आय़ोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की मौजूदगी में सिंगल विंडा क्लीयरेन्स पोर्ट लांच किया। कोयला मंत्री जोशी ने बताया कि भारत की पहली व्यावसायिक कोयला खनन नीलामी के विजेताओं के साथ कोयला मंत्रालय ने समझौता किया है। पोर्टल के माध्यम से भारत में कोयला खदान शुरू करने में आसानी होगी।
कार्यक्रम में जोशी ने व्यावसायिक कोयला खनन के लिए खदानों की नीलामी अगले चरण जनवरी 2021 में लांच करने का एलान किया। मंत्री ने बताया कि हमने कोयला क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं। आने वाले समय में कोयला क्षेत्र…देश में बड़े बदलावों का कारण बनेगा।
जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोयला क्षेत्र मे व्यापक सत्तर पर कायापलट हुई है। सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल सरकार के ‘मिनीमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस’ दृष्टिकोण को मजबूती देता है। यह पोर्टल कोयला क्षेत्र में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा।
देश में कोयला खदान शुरू करने के लिए अभी 19 बड़ी योजनाओं को मंजूर किया गया है। इनमें माइनिंग प्लान एंड माइन क्लोजर प्लान, माइनिंग लीज लेना, पर्यावरण एवं वन, वन्य जीव, सुरक्षा, परियोजना प्रभावित परिवारों का विस्थापन, कर्मचारी कल्याण जैसे क्षेत्रों से जुड़ी मंजूरियां शामिल हैं। मंजूरियों के लिए खनन परियोजना प्रस्तावकों को विभिन्न प्रशासनिक मंत्रालयों और सरकारी विभागों को अलग-अलग आवेदन करना पड़ता है। इसके चलते कोयला खदानों से कोयला उत्पादन प्रभावित होता है।
लेकिन इस प्रक्रिया से सारे काम आसान हो जाएंगे। उन्होने कहा कि पोर्टल का माइनिंग मॉड्यूल सोमवार को लांच किया गया है। जबकि अन्य मंजूरियों से जुड़े मॉड्यूल चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे।
कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय ने भारत की सबसे पहली व्यावसायिक कोयला खनन नीलामी के सफल विजेताओं- वेदांता लिमिटेड, अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड, जिंदल पावर लिमिटेड, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड समेत कुल 19 विजेताओं के साथ समझौता किया गया। नीलामी की सफलता से भारत का लगभग 20% कोयला आयात कम होगा। आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। एसबीआई कैपिटल मार्केटस् लिमिटेड, जोकि कोयला मंत्रालय का एकमात्र ‘लेन-देन सलाहकार’ है, ने नीलामी प्रक्रिया को विकसित करने और आयोजित करने में सहयोग दिया है।
जोशी ने सभी राज्यों से…खदानों को जल्द से जल्द शुरू करने में सहयोग दिए जाने को कहा। ताकि भारत अपने विशाल कोयला भंडार का समुचित उपयोग कर कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
जानकारी हो कि व्यावसायिक कोयला खनन के लिए सफलता पूर्वक नीलाम की गईं 19 खदानों से राज्यों को 6,656 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा। नीलामी प्रक्रिया के दौरान आवेदकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते 66.75% का अधिकतम और 27% का औसत प्रीमियम प्राप्त हुआ। सभी खदानें 05 राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड एवं महाराष्ट्र में हैं। इनसे सम्मिलित रूप से 51 मिलियन टन का सालाना अधिकतम अनुमानित कोयला उत्पादन होगा।
खान मंत्री ने बताया कि खनिज संपदा से संपन्न विभिन्न राज्यों के अनुभव और विभिन्न हितग्राहियों से मिली फीडबैक के आधार पर सरकार खनन क्षेत्र में व्यापक ढांचागत सुधार किया जाएगा। रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खनिज उत्पादन से देश को आत्म-निर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। विश्वास है कि खनन क्षेत्र में होने वाले सुधारों से भारत को अपनी वास्तविक क्षमता के साथ खनिज उत्पादन में मदद मिलेगी।
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