IG डांगी ने कहा – बिगड़े युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए सख्ती के साथ ही अपनेपन से भरी, काउन्सलिंग भी जरूरी

Chief Editor
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बिलासपुर। “अगर कोई युवा अपने भविष्य को लेकर किसी प्रकार के टेंशन और डिप्रेशन से गुजर रहा है, तो उसे अपनी समस्याओं के सम्बन्ध में अपने माता-पिता और दोस्तों से बात करनी चाहिए। क्योंकि “बातचीत ही एक ऐसी प्रक्रिया है ,जिससे किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है” यह कहना है युवाओं के प्रेरणा स्रोत बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी का.

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जिन्होंने खास बातचीत के दौरान युवाओं को उनके भविष्य से संबंधित बेहतर टिप्स दिए तो वहीं बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था की भी अहमियत बताई. 2003 बैच के आईपीएस, माओवादी क्षेत्र में काम करने के लिए दो बार राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित, एस. पी, डीआइजी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके रतनलाल डांगी वर्तमान में बिलासपुर रेंज के आईजी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. युवाओं के प्रेरणा स्रोत कहे जाने वाले और सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने वाले आई जी रतनलाल डांगी ने बुधवार को हमसे खास बातचीत करते हुए युवाओं से जुड़े सवाल और बेहतर पुलिसिंग पर अपनी विशेष राय रखी . बातचीत के दौरान विभिन्न  परीक्षाओं की तैयारी के दौरान होने वाले टेंशन की वजह से डिप्रेशन में चले जाने और फेलियर के बाद हार मानने वाले युवाओं को मोटिवेट करते हुए उन्होंने कहा कि “इतिहास में ऐसा कोई भी, महान व्यक्ति नहीं हुआ है जो फेल ना हुआ हो और डिप्रेशन का शिकार ना हुआ हो। कोई कितना भी इंटेलिजेंट हो और कितनी भी तैयारियों के साथ क्यों न चल रहा हो, उसमें बेचैनी और टेंशन होना स्वाभाविक है।

डिप्रेशन से उबरने के लिए उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार के टेंशन में हो या डिप्रेशन से गुजर रहा हो उसे अपने माता-पिता से और अपने दोस्तों से अपनी बात साझा करनी चाहिए। अपने आत्मीय जनों के साथ बातचीत से किसी भी समस्या का समाधान जरूर मिलता है.* उन्होंने कहा कि  असफल हो जाने पर दूसरे क्या कहेंगे..? इसकी चिंता युवाओं को नहीं करनी चाहिए। उन्हें केवल अपना 100% देना चाहिए। इससे रिजल्ट हमेशा उनके पक्ष में ही होगा. वहीं सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका मकसद केवल युवाओं और आम नागरिकों को यह मैसेज देना है कि मेहनत और स्ट्रगल के बाद अगर हम यहां तक पहुंच सकते हैं। तो एक आम नागरिक भी अपनी मेहनत और ईमानदारी से आसानी से यह मुकाम हासिल कर सकता है। साथ ही जो व्यक्ति अपने आपको निराश और असहाय महसूस कर रहे हैं, उन्हें संबल प्रदान करने के लिए और उनको अप्रत्यक्ष रूप से मोटिवेट करने के  उद्देश्य से भी उन्होंने सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की बात कही.  ताकि आम नागरिक पुलिस के साथ अपनापन महसूस करे और अपनी बातें, अपनी समस्याएं बेझिझक उनके साथ साझा कर सकें. 

पुलिस विभाग के आपस में  बेहतर तालमेल के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस कि आपस के तालमेल से समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोतियों की माला का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग एक मोती की माला की तरह है। जहां कांस्टेबल से लेकर डी आई जी तक सभी, अपनी एक अलग भूमिका निभाते हैं।जब ये सभी आपस में बंधकर रहते हैं,तो समाज को एक अच्छी पुलिसिंग दे सकते हैं और बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी भी निभा सकते हैं.गलत रास्ते पर अग्रसर हो रहे युवाओं को सही रास्ता दिखाने के तरीके को लेकर उन्होंने कहा कि गलत रास्ते पर अग्रसर हो रहे युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए वे 3 तरीके अपनाते हैं।जिसमें पहला उन पर कड़ाई से कार्यवाही करना।  दूसरा उनकी काउंसलिंग करना, और तीसरा सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें गाइड करने के साथ ही उन पर सामाजिक दबाव बनाना शामिल है। जिससे निश्चित रूप से अपराध को आसानी से रोका जा सकता है.लाज़मी है जितनी सकारात्मकता युवाओं के प्रेरणा स्रोत आईजी रतनलाल डांगी के व्यक्तित्व में नज़र आता है और जितनी सक्रियता उनके काम में नज़र आती है,उसे देखकर यही उम्मीद की जा रही है .निश्चित ही उनके यहां होने से अब युवाओं के साथ ही समाज में भी कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे.

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