इंस्पेक्टर परीक्षा घोटाला…CM को प्रतियोगियों ने बताया…नियमों की उड़ाई गयी धज्जियां…भाजपा यूथ ब्रिगेड को पुलिस ने रोका

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में धांधली और पूर्व कांग्रेस सरकार की शिकायत करने भाजपा यूथ टीम के साथ प्रतियोगी मुख्यमंमत्री से मिलने पहुंचे।

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रायपुर में इसके पहले प्रतियोगी छात्रों ने रैली निकालकर भर्ती में घोटाला का आरोप लगाते हुए आक्रोश भी जाहिर किया। बिलासपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी भाजपा यूथ बिग्रेड ने प्रतियोगियों के साथ रैली निकालकर घोटालेबाजों को सजा दिए जाने की मांग की है। लेकिन बिलासपुर पुलिस ने भर्ती घोटाला के खिलाफ रायपुर पहुंचने से पहले ही पदयात्रा को हाईकोर्ट के पास रोककर सभी को घर लौटा दिया है।

 इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में घोटाला का आरोप लगाते हुए प्रतियोगियों  के साथ भाजपा यूथ ब्रिगेड ने रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों के समर्थन में बिलासपुर से रायपुर पदयात्रा कर रहे प्रतियोगियों के साथ भाजपा यूथ टीम को पुलिस ने हाईकोर्ट के पास रोक दिया।

विरोध के खिलाफ मांग पत्र लेकर पुलिस ने सभी को घर लौटा दिया। बावजूद इसके रायपुर में युवाओं ने ना केवल रैली निकालकर आक्रोश जाहिर किया। बल्कि मुख्यमंत्री से मिलकर इंस्पेक्टर घोटाला की जांच की मांग को दुहराया है। साथ ही सीएम को हाईकोर्ट के फैसले से अवगत भी कराया है।

 युवाओं ने सीएम को बताया कि निरीक्षक भर्ती 2021 को लेकर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने विसंगति का जिक्र किया है। विसंगति के चलते 2500 छात्रों को भर्ती में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। बावजूद इसके तत्कालीन सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। इसके चलते छात्रों का जीवन अंधेरे में चला गया है।  छात्रों ने बताया कि पुरानी सरकार ने घोटाले में शामिल दोषी अधिकारियों बचाया है।

छात्रों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि समाचार पत्रों के अनुसा्र पुलिस ने व्यापम से भर्ती परीक्षा परिणाम जबरदस्ती लिया। पपरिणाम से छेड़छाड़ किया गया है। जबकि व्यापम का दावा है कि पुलिस को सीलबन्द लिफाफा दिया गया। इसके बाद परीक्षा परिणाम में छेड़छाड़ किया गया है।

 छात्रों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि नियमानुसार पोस्ट का चयन वरीयता के आधार पर किया जाना था। बावजूद इसके एक दर्जन से अधिक लोगो की भर्ती पसंद के खिलाफ हुई है। हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया है कि भर्ती के समय पूर्व सैनिकों की भर्ती समेत आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हुआ है।

पांच चरणों में होने वाली भर्ती प्रक्रिया का पालन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नहीं किया गया। शारीरिक परीक्षण से लेकर मुख्य परीक्षा और परिणाम खुलने तक परीक्षा आयोजन को लेकर बहुत जल्दबाजी  हुई है।

किसी को भी पर्याप्त तैयारी का समय नहीं दिया गया। मामले में जांच की जरूरत है। चुनाव के समय भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनते ही  घोटाले की जांच करेंगे। अब सरकार अपना वादा निभाए। जांच के बाद दूध का दूथ और पानी का पानी हो जाएगा। दोषियों के चेहरे सामने आ जाएंगे। पूरा विश्वास है कि पीड़ितों को न्याय और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।

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