लोफंदी, कछार, कुकुर्दीकला की खुली लॉटरी…विकास, अंकित और विकास को मिला खजाना…पढ़ें..ठेकेदारों को कब मिलेगा रेत खदान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— खनिज विभाग ने लोफंदी, कछार और कुकुर्दीकला रेत खदान का आक्शन कर तीन नाम का एलान कर दिया है। दिन भर की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने कैमरे की निगरानी में निर्धारित समय पर पेटियों को खोला। सबसे पहले लोफंदी, कछार और कुकुर्दीकला के आवेदनों को बारी बारी से बन्द लिफाफे से बाहर निकाला। सारी कार्रवाई के बाद पहले लोफंदी फिर कछार और देर रात्रि कुकुर्दीकला का आक्शन किया गया। क्रमशः तीन रेत खदान ठेकेदारों के नाम का एलान किया।

मंथन सभागार में ठीक निर्धारित समय पर तीन रेत खदानों के आवेदनों को बन्द पेटी से बाहर निकाला। सबसे पहले लोफंदी स्थित खदान के लिए 488 आवेदनों को बाहर निकाला गया। एडिश्नल कलेक्टर एआर कुरूवंशी और खनिज अधिकारी डॉ.डीके मिश्रा की उपस्थिति और कैमरे की निगरानी में आवेदनों को खोला गया। आवेदनों को खोलकर जमाया गया। इस दौरान कुल 10 आवेदनों को कमी पाए जाने पर रिजेक्ट कर दिया। मिनीमम बोली में 477 आवेदनों को ट्रांसपरेन्ट खुली पेटी में रखा गया।

 कैमरे के सामने सबकी उपस्थिति मे लाटरी निकाला गया। लोफंदी खदान की लाटरी विकास यादव के नाम पर निकला। बताया जा रहा है कि विकास यादव गुम्बर का समर्थक है। जानकारी देते चलें कि लोफंदी खदान करीब पचास एकड़ लम्बा चौड़ा है।

         दोपहर बाद कछार खदान की पेटी को खोला गया। अधिकारियों ने कुल 721 आवेदनों को खोला गया। टेक्निकल पहलुओं की जांच पड़ताल के बाद वित्तीय पहलुओं को मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जांचा परखा। इसके बाद सभी आवेदनों को ठेकेदारों की उपस्थिति में ट्रांसपरेन्ट पेटी में रखा गया। सभी के उपस्थिति में कछार के करीब 25 एकड़ लम्बे चौड़े रेत खदान के लिए लाटरी निकालने के साथ ही अंकित मिश्रा के नाम का एलान किया गया। बताया जा रहा है कि अंकित मिश्रा कोटा का रहने वाला है।

तीसरी लाटरी की प्रक्रिया देर रात्रि करीब दस बजे तक चला। सबसे पहले कुकुर्दीकला की पेटी खोलकर टेक्निकल और फायनेन्सियल चेकिंग प्रक्रिया को पूरा किया गया। सभी आवेदनों को पेटी में रखे जाने के बाद लाटरी निकाला गया। लाटरी प्रक्रिया में कुकुर्दीकला खदान के लिए विकास सिंह का नाम निकाला गया। बताते चलें कि कुकुर्दीकला खदान कुल करीब 28 एकड़ क्षेत्र में पसरा है।

अलग अलग खदान पर अलग अलग राशि

खनिज अधिकारी ड़ॉ डीके मिश्रा ने बताया कि लोफन्दी खदान के लिए प्रत्येक आवेदकों से आठ आठ डीडी जमा कराया गया है। खदान कुल 20 हेक्टेयर जमीन यानि करीब 50 एकड़ में फैला है। जबकि कछार स्थित खदान  दस एकड़ क्षेत्र में है। कछार खदान के लिए प्रत्येक आवेदकों से चारक चार लाख रूपया जमा कराया गया है। कुकुर्दीकला खदान के लिए प्रत्येक आवेदकों ने चार लाख चालिस हजार रूपयों का डीडी जमा कराया गया है। लाटरी प्रक्रिया के बाद लाटरी से चुने गए तीन आवेदकों के अलावा सभी आवेदकों की डीडी को वापस किया जाएगा। कुल 1640 आवेदकों ने लाटरी प्रक्रिया में भाग लिया। इसमें कई आवेदकों का आवेदन गलत होने के कारण रिजेक्ट भी किया गया है।

खनिज अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक आवेदकों से फार्म का शुल्क दस दस हजार लिया गया है। विभाग को आवेदन से करीब एक करोड़ 64 लाख रूपयों का राजस्व मिला है। आवेदन का रूपया नान रिफेन्डेबल है।

होगी जनसुनवाई..बनाया जाएगा नियम

डॉ. मिश्रा ने बताया कि पांच हेक्टर से अधिक क्षेत्रफल वाले खदान के लिए पर्यावरण विभाग के सहयोग से प्रभावित गांव में जनसुनवाई होगी। खदान को लेकर जनता से संवाद किया जाएगा। इस दौरान लोगों से क्षेत्र के विकास को सुझाव मांगा जाएगा। प्रक्रिया को पूरा होने मे लम्बा समय लगेगा। साथ ही रेत उत्खनन को लेकर कुछ नियम और नीतियों को लेकर प्रोजेक्ट भी तैयार किया जाएगा।  बहरहाल लाटरी के माध्यम से लोफंदी खदान विकास यादव, कछार खदान अंकित मिश्रा और कुकुर्दीकला खदान विकास सिंह के नाम पर एलाट किया जाएगा।

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