आरक्षक ने दिया व्यापारी को जेल भेजने की धमकी…रूपया मांगने पर कहा….पुलिस वाला हूं…..SC, ST मामले में फंसा दूंगा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—बिलासपुर की पुलिसिंग बेहतर हो…कम से कम पुलिस कप्तान संतोष सिंह का कुछ ऐसा ही प्रयास है। असर दिखाई भी देने लगा है। लेकिन कुछ मठ किस्म के आरक्षकों ने भी ठान लिया है कि हम बदलेंगे नहीं। ताजा मामला आजाक थाना में पदस्थ आरक्षक मनीष सोलंकी का सामने आया है। बिल्डर से रूपये लेने के बाद आरक्षक ने अब लौटाने से इंकार कर दिया है। आजाक थाना में पदस्थ आरक्षक ने बिल्डर को धमकी दिया है कि रूपया यदि उसने रूपया मांगा तो एट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज देगा। पीड़ित ने तारबाहर थाना में शिकायत दर्ज कराया है।
अजाक थाना में पदस्थ आरक्षक मनीष सोलंकी ने शहर के बिल्डर मितेष चौकसे से जमीन सौदा का रूपया देने से इंकार कर दिया है। साथ ही धमकी दिया है कि यदि कहीं शिकायत किया तो एट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा देगा। मामले की शिकायत मितेष चौकसे तारबाहर थाना समेत एसपी,आईजी से भी किया है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से आरक्षक का हौसला बुलन्द है। अभी भी फोन से बिल्डर को धमकी दे रहा है।
 
 
दबंग आरक्षक की आईजी एसपी से शिकायत
मितेष चौकसे ने अपनी शिकायत में बताया कि अजाक थाना में पदस्थ मनीष सोलंकी पुलिस लाईन क्ववार्टर में रहता है। सोलंकी ने आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज लेकर 3000 वर्गफुट का जमीन सौदा किया। उसने पांच लाख रूपए बाद में देने को कहा। कुछ दिनों बाद पांच लाख रूपया मांगे जाने पर पहले तो टाल मटोल किया। एक दिन उसने कहा कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए वह जमीन बेचना चाहता है।
ऐसा कहे जाने के बाद मैने बेची गयी जमीन खरीदने का फैसला किया। बातचीत के बाद 23 लाख रूपयों में जमीन का सौदा हुआ। पांच लाख रूपया बकाया होने के कारण मनीष सोलंकी को इकरार नामा के बाद एक लाख पांच हजार रूपया बयाना दिया। कुल मिलाकर पुराना पांच लाख और इकरारनाम में दिए गए एक लाख पांच हजार रूपया मिलाकर आरक्षक मनीष को 6 लाख पांच हजार रूपया दिया।  
 
 
गवाहों के सामने इकरारनाम
थाना को लिखित शिकायत कर मितेश ने जानकारी दिया कि 1 अप्रैल 2022 को 50 रूपये के स्टाम्प पेपर में इकरारनामा पर विजय द्विवेदी, सुधीर झा और जसपाल सिंह ने गवाही में हस्ताक्षर किया है। इकरारनाम में मेरे अलावा मनीष सोलंकी का भी हस्ताक्षर है। इकरारनाम के अनुसार मनीष सोलंकी को 1 सितम्बर 2022 तक रजिस्ट्री इकरारनामा की शर्तों का पालन करना था। लेकिन उन्होने ना तो रजिस्ट्री किया और ना ही 6 लाख रूपया ही लौटाया है।
 
 
एट्रोसिटी एक्ट में फंसाने की धमकी
मामले में संपर्क किये जाने पर मनीष सोलंकी ने कहा कि वह जमीन नहीं बेचेगा और ना ही रूपया लौटाएगा। लगातार निवेदन के बाद मनीष ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति थाना का आरक्षक है। उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। उसने गवाहों को भी धमकाया। और दुहराया कि यदि जमीन की रजिस्ट्री कराने और पैसा मांगने का साहस किया तो किसी महिला से छेड़छाड़ का आरोप दर्ज करवाएगा। फिर  एस.टी./एस.सी. एक्ट के जेल दाखिल करा देगा। मितेश ने बताया कि वह इसके बाद बहुत डर गया।
 
 
पुलिस वालों को भेजकर बनाया दबाव
मितेष ने कहा कि वह एक संभ्रान्त परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जमीन बेचना का वह व्यसाय करता है। आज तक किसी से जमीन को लेकर विवाद भी नहीं हुआ है। बावजूद इसके मनीष सोलंकी साथी पुलिस वालों को भेजकर लगातार डरा धमका रहा है। जिसके कारण वह काफी भयभीत है। 
इकरारनाम के अनुसार 6 नवम्बर 2022 को पंजीकृत सूचना पत्र भिजवाया। लेकिन आज मनीष ने सूचना का जवाब नहीं दिया है। अब झूठा आरोप लगा रहा है कि वह 6 लाख रूपए लौटा चुका है। जबकि उसके पास इसका कोई प्रमाण भी नहीं है। अब वह यह भी कहने लगा है कि उस पर दबाव बनाकर इकरार नामा लिखवाया गया है।
 
 जान को खतरा
पीड़ित ने बताया कि उसने पुलिस कप्तान और आईजी महोदय के दरबार में भी गुहाी लगायी है। कार्रवाई नहीं होने के कारण वह काफी डरा हुआ है। दूसरी मनीष सोलंकी ना तो जमीन रजिस्ट्री करवा रहा है। और ना ही रूपया वापस कर रहा है। बल्कि फोन से लगातार धमकी पर धमकी दे रहा है। संदीप से उसके जान को खतरा है।
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