बिलासपुर— प्रेमिका को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले आरोपी को न्यायालय के हवाले कर पुलिस चालान पेश करना भूल गयी। नियमानुसार चालान तीन महीने यानि 90 दिनों के अन्दर पेश किया जाना था। आरोपी के अधिवक्ताओं अब समय पर चालान पेश नहीं किए जाने पर कोर्ट से जमानत की मागं की है। सरकन्डा पुलिस जानकारी के अनुसार आरोपी ने विवाहिता प्रेमिका को आत्मदाह के मजबूर किया। बयान के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर स सितम्बर 2021 में न्यायालय के हवाले किया। लेकिन चालान पेश करना पुलिस भूल गयी।
मामले में आरोपी अखिलेश यादव के वकील अमित कुमार चाकी और बृजराज सिंह ने बताया कि सितम्बर 2021 में आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार मोपका निवासी आरोपी अखिलेश यादव का बजरंग चौक निवासी विवाहिता से सम्बध था। 27 सितम्बर की रात्रि अखिलेश और मृतिका के बीच विवाद हुआ। इसके बाद आरोपी ने उसे जो करना है करे..की बात कह कर घर से चला गया। इसके बाद देर रात्रि महिला ने मिट्टी तेल डालकर आग लगा लिया।
आस पास से जानकारी के बाद सरकन्डा पुलिस मौके पर पहुंची। मृतिका को गंभीर अवस्था में सिम्स दाखिल कराया गया। देर शाम महिला ने दम तोड़ दिया। गवाहों ने पूछताछ के दौरान बताया कि महिला और अखिलेश के बीच सम्बन्ध था। दोनों के बीच आए दिन विवाद होता था। घटना के दिन दोनों के बीच वाद विवाद हुआ। और महिला ने आत्मदाह की धमकी दी। आरोपी ने जो करना है करे कह कर घर से निकल गया। इसी बीच महिला ने मिट्टी तेल छिड़कर खुद को आग के हवाले कर दिया। और सिम्स में फिर इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी।
आरोपी को गिरफ्तार कर 27 सितम्बर 2021 को न्यायालय के हवाले कर दिया गया। आरोपी की जमानत का चक्कर काट रहे अधिवक्ता अमित चाकी और बृजराज सिंह ने बताया कि नियमानुसार ऐसे मामले में अधिकतम 90 दिनों के अन्दर पुलिस को चालान करना था। लेकिन आज 130 दिन से अधिक समय से आरोपी जेल में है। चालान पेश नहीं होने के कारण आरोपी को ना तो जमानत मिली है। और ना ही चालान पेश किया गया है। इसके लिए सीधे तौर पर सरकन्डा पुलिस जिम्मेदार है।
अधिवक्ताओं के अनुसार हमने आईपीसी की धारा 167(2) के तहत कोर्ट से जमानत की मांग की है।