पुलिस ने बताया….विधवा महिला पर षड़यंत्र से दर्ज हुआ FIR….कोर्ट में पेश किया खारिज रिपोर्ट का आवेदन…खुली जल्दबाजी की पोल

BHASKAR MISHRA
6 Min Read
बिलासपुर–पिछले महीने रतनपुर में विधवा महिला के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत दर्ज शिकायत और कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय में खारिजी रिपोर्ट पेश किया है। कोर्ट को पेश किए गए रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला के खिलाफ षडयंत्र के तहत पास्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज कराया गया। इसके पहले दोषियों ने महिला पर उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को वापस लेने प्रलोभन भी दिया। असफल होने पर महिला के खिलाफ नाबालिग बालक से दैहिक शोषण के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराया। 
मामले में एडिश्नल एसपी राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि रतनपुर में पिछले महीने विधवा महिला के खिलाफ रायपुर निवासी एक महिला ने पास्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज कराया। 19 मई को रतनपुर थाना पहुंचकर शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि करैहापारा, रतनपुर निवासी विधवा महिला ने नाबालिग बच्चे का दैहिक शोषण किया है।
महिला की लिखित शिकायत पर रतनपुर में अपराध पंजीबध्द किया गया। संदेही महिला को न्यायायिक रिमांड पर भेजा गया। विधवा महिला की गिरफतारी पर पीडिता की बेटी ने मां को झूठे प्रकरण में फंसाने का आरोप लगाते हुए आवेदन किया।
पीड़िता की बेटी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कप्तान ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। रिपोर्ट में बताया गया कि पूछताछ और प्रमाण के आधार पर आरोपियों ने आईपीसी की धारा 376 प्रकरण में समझौता करने पीड़िता और उसकी मां पर दबाव बनाया था। दबाव के काम नहीं आने पर आरोपियों ने प्रलोभन भी दिया। बात नहीं बनने पर  प्रायोजित तरीके से पुलिस को ट्रैप किया। और पास्कों की झूठी शिकायत कर अपराध दर्ज कराया।
 
षड़यंत्र से पीड़िता को फंसाया गया
राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि एडिश्नल एसपी राहुल देव शर्मा की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के आधा्र पर ही कोर्ट ने पीड़ित महिला को जमानत दिया था। कोर्ट को रिपोर्ट पेश करने के साथ ही पुलिस प्रशासन ने बताया कि हासिल तथ्यों के अनुसार महिला की तरफ से किसी प्रकार का अपराध होना नहीं पाया गया है। जबकि रतनपुर में शिकायत दर्ज होने से पहले षडयंत्र में शामिल रायपुर निवासी महिला थाना राखी मे भी लिखित आवेदन पेश कर विधवा महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के लिए आवेदन दिया था। 
कोर्ट को पुलिस की तरफ से बताया गया कि दर्ज किया अपराध झूठा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए न्यायालय से खारिजी स्वीकृत होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। कोर्ट को पुलिस ने यह भी बताया कि आर्थिक प्रलोभन देने वाले के खिलाफ  एफआईआर भी दर्ज कर लिया गया है। 
जल्दबाजी में हुई थी कार्रवाई
बताते चलें कि थाने में छोटी तो नहीं..लेकिन हर बड़ी घटना की जानकारी पुलिस कप्तान तक पहुंचती रहती है। बावजूद इसके जिम्मेदार थानेदार ने बिना किसी सूचना के एक घण्टे पहले पास्कों एक्ट के तहत दर्ज शिकायत पर महिला को रात मे ही गिरफ्तार किया। जो बहुत बड़े संदेह को जन्म देता है। बहरहाल दूसरे दिन घटना की जानकारी के बाद रतनपुर वासियों ने शहर बन्द का एलान किया। ब्राम्हण समाज समेत अन्य समाज के लोगों ने कलेक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस कप्तान ने तीन सदस्यी टीम का गठन कर जांच का आदेश दिया। लगातार दबाव के बाद पुलिस ने कोर्ट में जमानत विरोध नहीं किया। अन्ततः आज यानि 12 जून को पुलिस ने कोर्ट के सामने खारिजी रिपोर्ट का आवेदन किया है।
बेगुनाह आज भी जेल में होती
यह जानते हुए भी कि  महिला के परिवार से एक बेटी के खिलाफ क्या हुआ। मामले में दोषी जेल में है।दोषी को जेल से बाहर लाने के लिए भाजपा पार्षद समेत आरोपी परिवार की तरफ से महिला पर लगातार दबाव बनाया गया। मामले में विधवा महिला और पीड़ित बेटी की तरफ से पुलिस को आरोपियों के खिलाफ डराने धमकाने और फर्जी रिपोर्ट लिखाने को लेकर आवेदन किया गया। सब कुछ जानते हुए भी रायपुर से आयी महिला की शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ ना केवल पुलिस ने अपराध दर्ज किया।  बल्कि एक घण्टे के अन्दर ही गिरफ्तार कर जेल भी दाखिल करवा दिया। जबकि आवेदन को ध्यान में रखकर जांच किया जाना जरूरी थी। सवाल कई हैं..इस बात को पुलिस के आलाधिकारी अच्छी तरह से जानते हैं।लेकिन मंसूबे कामयाब होते इसके पहले ही दबाव बढने के बाद पुलिस के हाथ पांव फूलने लगे। अन्यथा महिला अब भी जेल में ही होती। सवाल उठता है कि पीडित महिला की इज्जत और प्रतिष्ठा पुलिस कब लौटाएगी।
close