रेल रोको आंदोलनः नागरिक सुरक्षा मंच का एलान..तीनों दिशाओं की गाड़ियों को करेंगे ब्लाक..तिरंगा से देंगे गोली डंडा का जवाब..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—नागरिक सुरक्षा मंच संयोजक अमित तिवारी ने कहा कि अब बर्दास्त की सीमा नहीं रही। रेल प्रशासन को अब इससे अधिक बिलासपुर की जनता बर्दास्त करने को तैयार भी नहीं है। अडानी या अंबानी का नहीं..रेल देश और प्रदेश की जनता की है। हमने एक सप्ताह का समय दिया था। मियाद पूरी हो चुकी है। 12 अक्टबर को रेल रोको आंदोलन करेंगे। इसके बाद चाहे डंडा बरसे या गोली। हम प्रशासन के विरोध का सामने तिरंगा के साथ करेंगे। चाहे..जान रहे या चली जाए।

                    नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक अमित तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि रेल प्रशासन लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। पिछले एक साल से रेल प्रबंधन की तुगलकी फरमान से जनता त्रस्त हो चुकी है। गरीब जनता के आवागमन को  फऱमान पर फरमान जारी कर बन्द कर दिया है। 

                              अमित तिवारी ने बताया कि यह जानते हुए भी छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल क्षेत्र है। छोटे व्यापारी रेल ही एक मात्र  सहारा है। बावजूद इसके रेल प्रशासन ने तुगलकी फरमान जारी कर दो दर्जन से अधिक स्टापेज को बन्द कर दिया है। सैकड़ों गाड़ियों के पहिए पर ताला जड़ दिया है। कभी गाड़ियां चलने लगती है तो कभी बन्द हो जाती है। जो चल रही है वह कब बन्द हो किसी को पता नहीं है। रेल प्रशासन बिलासपुर की जनता को टिकट कटाने और निरस्त करने में उलझा कर रखा  है। 

                        हां…कोयला परिवहन में प्रशासन की तरफ से कोई कोताही नहीं  हो रही है। अमित ने बताया कि 21 सितम्बर को नागरिक सुरक्षा मंच ने जीएम का घेराव किया।  प्रबंधन को दो टूक बताया भी एक सप्ताह के अन्दर यात्री गाड़ियों का परिचालन नहीं किया गया तो बिलासपुर की जनता उग्र आँदोलन करेगी। प्रबंधन ने एक अक्टूबर से सभी रेल गाड़ियों का संचालन का वायदा किया। बावजूद इसके रेल प्रशासन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है।

                   अमित तिवारी ने कहा कि हमसे जितना बनता था..उतना निवेदन कर चुके हैं। हमें मालूम है कि अधिकार को कैसे हासिल किया जाता है। बिलासपुर संभाग की जनता ने फैसला किया है कि नागरिक सुरक्षा के बैनर तले मुम्बई हावड़ा और कटनी लाइन पर चलने वाली सभी गाड़ियों को 12 अक्टूबर को 12 बजे ब्लाक कर दिया जाएगा।

                 सवाल जवाब के दौरन अमित ने दुहराया कि हमें किसी जनप्रतिनिधि से कोई शिकायत नहीं है। ना ही सुरक्षा मंच को किसी नेता से अब उम्मीद भी है। हमें मालूम है कि जनप्रतिनिधियों ने जनता की परेशानियों को हल्के में लिया है। अब हम अपनी परेशानी खुद दूर करेंगे। जैसा हमने जोन के समय किया था।

                                          अमित ने कहा कि अब तक सौ अधिक आंदोलन कर चुके हैं। जाहिर सी बात है कि प्रशासन की तानाशाही का उन्हें अच्छी तरह से अनुभव है। हमारा आंदोलन गाधी के सिद्धान्तों पर होगा। हम पुलिस के डंडे और गोलियों का सामने तिरंगा से करेंगे। सुरक्षा मंच के संयोजक ने दुहराया कि..जल्द ही पत्रकार और प्रशासन को बताएंगे किन स्थानों पर कोयला गाड़ियों को रोका जाएगा।  

           

                     

                    

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