Bilaspur को उड़ान योजना मे शामिल करने संघर्ष समिति के प्रतिनिधि CM भूपेश बघेल से मिले,कहा-केंद्र सरकार को लिखे चिट्ठी

Shri Mi
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बिलासपुर।बिलासपुर से विभिन्न महानगरों तक हवाई मार्गों को उड़ान योजना में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखने बाबत बिलासपुर हवाई सेवा संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिला। समिति ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि वर्तमान में बिलासपुर से केवल जबलपुर और प्रयागराज होकर दिल्ली के लिए एक उड़ान संचालित है। बिलासपुर से देश के चारों दिशाओं में स्थित महानगरों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता के लिए सीधी उड़ान की आवश्यकता है और इन मार्गों पर निजी एयरलाइन कंपनी तभी उड़ान चलाने के लिए आकर्षित होंगी,जब उन्हें उड़ान योजना के तहत सब्सिडी मिल सके।

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पिछले दो उड़ान योजनाओं में छत्तीसगढ़ से अन्य राज्यों के लिए हवाई मार्ग मंजूर किए जाने में भारी उपेक्षा हुई है। हाल ही में उड़ान 4.1 योजना में उत्तर प्रदेश के लिए 50 से अधिक हवाई मार्ग प्रस्तावित किए गए थे,साथ ही मध्य प्रदेश के लिए 25 से ज्यादा। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए केवल चार मार्ग प्रस्तावित किए गए थे। जब तक केंद्र सरकार बिलासपुर हवाई अड्डे से नए मार्ग उड़ान योजना के लिए अधिसूचित नही करेंगे सस्ती और सुलभ हवाई सुविधा मिलने की संभावना कम है।

केंद्र सरकार की नीति के तहत यदि राज्य सरकार किसी मार्ग में उड़ान योजना शामिल कर निविदा आमंत्रित करने का निवेदन करती है,तो केंद्र उसे स्वीकार कर सकती है। समिति ने कहा कि बिलासपुर से देश के चारों दिशाओं में स्थित महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और हैदराबाद के लिए सीधी उड़ान के हवाई मार्ग उड़ान योजना में शामिल करने का पत्र राज्य सरकार से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा जाए।

इसके अलावा हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर एयरपोर्ट के पूर्ण विकास के लिए 270 एकड़ भूमि विमानन विभाग छत्तीसगढ़ शासन प्रबंधक बिलासा देवी एयरपोर्ट को उपलब्ध कराने को लेकर भी मुख्यमंत्री बघेल को पत्र लिखा है। समिति ने बताया कि हाल ही में बिलासा एयरपोर्ट के 4Cस्तर तक विकास के लिए बनवाई गई रिपोर्ट प्रस्तुत हो गई है और इसके वर्तमान में सेना के कब्जे वाली 1166 एकड़ भूमि में से 270 एकड़ भूमि की जरूरत एयरपोर्ट विकास के लिए पड़ेगी। जो कि सेना के द्वारा पिछले 11 सालों में उक्त भूमि का उपयोग नहीं किया गया है अतः उस में से 270 एकड़ भूमि प्रदाय करने में कोई व्यवहारिक अड़चन नहीं है।

पत्र के माध्यम से समिति ने बताया कि इस भूमि को तीन तरीके से हासिल किया जा सकता है। जिसके अनुसार 270 एकड़ भूमि के बदले सेना को 270 एकड़ भूमि अन्य प्रदान कर दिया जाए या उसके समतुल्य धनराशि दी जाए। 270 एकड़ भूमि के बदले कुछ कम परंतु सामान्य मूल्य वाली विकसित भूमि नया रायपुर क्षेत्र में सेना को दी जाए। चूंकि 10 सालों में सेना ने अधिग्रहित भूमि का किसी लोक प्रयोजन में उपयोग नहीं किया है अतः उक्त भूमि अधिग्रहण को लेप्स घोषित कर पूरी 166 एकड़ भूमि या उसमें 270 एकड़ भूमि एयरपोर्ट विकास के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन को दी जाए।

यह उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा उक्त एयरपोर्ट के समस्त भूमि की उस के पक्ष में हस्तांतरण की मांग की जा रही है। लेकिन उक्त संबंध में भूमि पुराने रिकॉर्ड यह बताते हैं कि सभी भूमि 1966 को ही केंद्र सरकार द्वारा राज्य को दी गई है और पिछले 55 सालों में राज्य सरकार ही बिलासपुर एयरपोर्ट की असली व एकमात्र मालिक रही है।अतः इस एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कोई भी विधि हक नहीं है। इस बात की भी आशंका है कि एक बार एयरपोर्ट के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास जाने के बाद वह संस्था निजीकरण नीति के तहत एयरपोर्ट बेच देगी।जो कि वर्तमान समय में यात्रियों और आम नागरिकों के हित में नहीं होगा।

एयरपोर्ट का विकास और संचालन कोई रॉकेट साइंस नहीं है और छत्तीसगढ़ सरकार भी महाराष्ट्र की तर्ज पर अपनी स्वयं की एयरपोर्ट विकास कंपनी का गठन कर सकती है या फिर सीएसआईडीसी या छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के द्वारा बिलासपुर समेत अंबिकापुर और जगदलपुर एयरपोर्ट का विकास और संचालन करा सकती है। समिति ने अनुरोध किया कि बिलासपुर एयरपोर्ट विकास के लिए 270 एकड़ भूमि जल्द उपलब्ध कराने के लिए सेना से चर्चा के निर्देश अधिकारियों को दिए जाएं। साथ ही बिलासपुर एयरपोर्ट विकास में नए टर्मिनल भवन आदि के निर्माण के लिए निर्देश विभाग को दिए जाएं। इस मौके पर समिति के सुदीप श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह, महेश दुबे, संदीप दुबे, समीर अहमद, राघवेंद्र सिंह,चित्रकान्त श्रीवास,अकील अली, प्रकाश बहरान जायसवाल,कमल सिंह,केशव गोरख,विजय वर्मा,बद्री यादव, मनोज श्रीवास्तव सहित हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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