स्कूलों में आधार कार्ड अनिवार्य, वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगा मिड-डे मील और यूनिफार्म

Shri Mi
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उत्तर प्रदेश के सभी प्राथमिक और प्राइवेट स्कूलों (Primary and Private School) में पढ़ने वाले बच्चों को आधार कार्ड (Aadhaar Card) दिखाना अनिवार्य होगा. इसके बिना छात्र सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे. हालांकि, इससे पहले भी 2021 में स्कूलों में बच्चों से आधार नंबर मांगे जाते थे लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया था. अब रजिस्ट्रेशन के दौरान सभी छात्रों को आधार कार्ड नंबर देना जरुरी होगा.

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गौरतलब है कि यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इस समय 1 करोड़ 91 लाख छात्रों का रजिस्ट्रेशन है. इनमें कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनका एक से ज्यादा स्कूलों में एनरोलमेंट है. ऐसे में आधार कार्ड के जरिए ही इन्हें ट्रैक किया जा सकता है. यही वजह है कि अधिकारी बच्चों का आधार कार्ड बनवाने की बात कर रहे हैं और सभी स्कूलों में आधार को अपडेट कराने पर जोर दे रहे हैं. इसके अलावा डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) में क्लैरिटी रहेगी और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी.

Aadhaar Card अनिवार्य होने से फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
यूपी में सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए मिड-डे मील, यूनिफार्म, किताबें, स्कूल बैग जैसे सुविधाएं मिलती हैं. इनमें यूनिफॉर्म और स्कूल बैग के लिए राज्य सरकार डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के तहत बच्चों के परिजनों के खाते में 1100 रुपये भेजती है. इसमें कई बार फर्जीवाड़े की खबरे सामने आती हैं. आधार कार्ड अनिवार्य होने के बाद बच्चों का सत्यापन आसानी से हो जाएगा. इससे सरकारी सुविधाओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगा. साथ ही एक बच्चा अलग-अलग स्कूलों में एडमिशन लेकर दो बार लाभ नहीं उठा सकेगा.

DBT के लिए आधार कार्ड जरूरी
डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के तहत हर साल बच्चे के लिए सरकार की तरफ से 1200 रुपये ड्रेस, शूज और बैग के लिए भेजे जाते हैं.  इसके लिए बच्चे के आधार के अलावा माता-पिता का आधार कार्ड भी जरूरी होता है. अगर बच्चे का आधार नंबर नहीं है तो संबंधित फार्म को भरकर स्कूल से यह प्रमाणित करके आधार बनावाकर लाने की बात कहते हैं और परिजनों को बच्चे का आधार बनवाने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है. 

यूपी में कुल 1.30 लाख प्राइमरी स्कूल
यूपी के 75 जिलों में कुल 1 लाख 30 हजार प्राइमरी स्कूल हैं. इनमें 1 करोड़ 88 लाख छात्र पड़ते हैं. इस बार सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत 2 करोड़ बच्चों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में इन सभी बच्चों के आधार कार्ड बनना का भी निर्णय लिया गया था. सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि बच्चों को एडमिशन करने से मना नहीं किया जाए, बल्कि उनका आधार कार्ड बनवाने के लिए कहा जाए तभी सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं बच्चों को मिलेंगी.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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