छत्सीसगढ़ के किसानों पर भी दिखाएं दरियादिली.. किसान नेता धीरेन्द्र ने कहार..फूटीकौड़ी को तरह रहे मृतक किसानों के परिजन..कब करेंगे नजरें इनायत..

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—-भारतीय किसान संघ बिलासपुर जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने उत्तरप्रदेश स्थित लखीमपुर खीरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। धीरेन्द्र दुबे ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन में शामिल किसानों के साथ हुए पर निष्पक्ष जांच की मांग की है। 
 
               भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने लखीमपुर खीरी किसान मौत को लेकर दुख जाहिर किया है। उन्होने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दुर्भाग्यपूर्म है। इस प्रकार की घटना सभ्य सामाज को स्वीकार नहीं है।
 
          दुबे ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए निष्पक्ष जांच की है। उन्होने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। धीरेन्द्र ने कहा कि घटनाक्रम में किसानों के नाम पर राजनीति किया जाना ठीक नहीं है। 
 
      लखीमपुर खीरी घटनाक्रम को लेकर किसान नेता ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि प्रदेश के बाहर एयरपोर्ट पर धरने पर बैठे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतक किसानों को 50 लाख रुपये देने का एलान किया है। निश्चित रूप से मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रति संवेदनशीलती का परिचय दिया है। उन्हें  यही संवेदनशीलता छत्तीसगढ़के  किसानों के प्रति दिखाने की जरूरत है।
 
  दुबे ने सीएम से सवाल किया कि जिस प्रदेश के किसानों ने कांग्रेस को सरकार बनाई। जिस प्रदेश के किसान की गाढ़ी कमाई से प्रदेश की पूरी व्यवस्था चलती है। उनके प्रति संवेदनहीनता का भाव क्यो ? इससे जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ के किसानों के साथ अब तक केवल और केवल छल किया है। इस बात को प्रदेश की जनता अच्छी तरह से देख रही है।
 
                  धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि फरवरी माह में विधानसभा सत्र के दौरान कृषि मंत्री ने सदन में बताया कि प्रदेश में 141 किसानों की आसामयिक मौत हुई है। दुबे ने कहा कि इसमें प्रशासनिक आतंकवाद से परेशान मरने वाले किसानों की भी संख्या है। लेकिन यह संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। लेकिन मजाल है कि किसी किसान को 50 लाख तो दूर फूटी कौड़ी मिली हो। 
 
         भारतीय किसान संघ नेता याद कराया कि तखतपुर विकासखंड स्थित राजाकापा ग्राम के किसान छोटूराम कैवर्त की मौत प्रशासनिक आतंकवाद के कारण हुई। परिजन को 25 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में लिए जाने की मांग को रखा गया था। लेकिन आज तक पीड़ित किसान परिवार को फूटीकौड़ी भी नहीं मिली है। जबकि दूसरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ के मुखिया दरियादिली दिखाते हुए 50-50 लाख रूपए बांट रहे हैं। दोहरा मापदण्ड ठीक नहीं।
 
                          किसान नेता ने कहा कि लखीमपुर खीरी के किसानों के प्रति दिखाई गयी उदारता की एक झलक मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति भी दिखानी चाहिए। हमारी मांग है कि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़  किसानों की आसामयिक मृत्यु पर परिजनों को 50 लाख रुपये देने का एलान करें। साथ ही कानून भी बनाएं कि असामयिक मरने वालें किसानों को पचास पचास लाख रूपया दिया जाएगा।
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