श्रीरामकथाः राज्याभिषेक के साथ रामकथा का समापन..संत प्रवर विजय कौशल ने कहा..राम विरोधी का कोई साथ नहीं देता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—नौ दिवसीय प्रभु राम कथा का आयोजन स्थानीय लाल बहादुर शास्त्री शाला में समापन हुआ।  व्यासपीठ से कथा के नौवें दिन महाराज  विजय कौशल ने कथा के मुख्य  सूत्रकार पूर्व मंत्री  अमर अग्रवाल, आयोजन समिति के समस्त सदस्यों, विभिन्न समाजों के प्रमुखो, कथा में उपस्थित अतिथियों और श्रद्धालुओं को सफल आयोजन के लिए आशीर्वाद दिया। उन्होने मायावी राक्षस के रावण वध, मंदोदरी विलाप,राक्षसी संस्कृति के पतन,अवध नगर में भगवान राम के राज्याभिषेकका  प्रसंग पेश कर लोगों को झूमने के लिए मजबूर किया। 
 विजय कौशल महाराज ने बताया रावणी संस्कृति के विनाश के बाद चारों ओर आनंद छा गया। धूलधूसरित रावण की लाश रणभूमि में पड़ी मिली।  मंदोदरी ने  युद्ध के मैदान में  घोर रुदन से वातावरण गंभीर हो गया। मंदोदरी ने कहा कि कोई देवी देवता तुम्हारे आगे नही लगते।  लेकिन राम विरोधी का कोई साथ नही देता है। प्रभु श्रीराम नैतिक धर्म का पालन करते हुए राजकीय सम्मान के साथ मायावी रावण के संस्कार का निर्देशदिया। राम ने राज्याभिषेकर विभीषण को लंका का राजपाट सौंपा।  माता जानकी के साथ राम ने रामेश्वरम में भगवान शिव का पूजन कर प्रयागराज होते हुए अयोध्या की ओर वापस लौटे ।
भगवान आगमन की सूचना मिलते ही अवधपुरी उत्सव का माहौल बना। ब्रह्मा, शिव और मुनियों के समूह प्रभु का दर्शन करने आए। आकाश से देवताओं ने पुष्प वर्षा कर अपनी खुशियों को जाहिर किया। करुणानिधान राम अनुज भरत की  जटाओं को अपने हाथों से सुलझाया। इसके बाद रघुनाथ ने तीनों भाइयों के साथ गुरुजनों,माताओं  का आशीर्वाद लिया। ऋषि वशिष्ठ ने दिव्य सिंहासन पर बैठकर भगवान श्री राम का राज्याभिषेक किया।
रघुनंदन का चरित्र द्वंद समूहो का नाशक
विजय कौशल ने कहा ..गुण, शील और कृपा के सागर भगवान राम की कथा को सुनता है उसे भगवान की कृपा हर हालत में मिलती है। जो भी मनुष्य सकामभाव से राम कथा का रस चखता है उसे रघुनाथ के चरणों मे स्थान जरूर मिलता है। 
मोह की नदिया को पार लगाती है रामकथा
व्यासपीठ से कौशल महाराज ने बताया कहा रामकथा का पान से जन्म-मरण भय और दुःख दूर होता है। ,वैराग्य, विवेक और भक्ति को दृढ़ करता है। भगवान का नाम मोह सागर से पार उतारने वाला नाव है। भगवान के राज्याभिषेक में अवधपुरी में नित नए मंगलोत्सव होते हैं। महराज ने बताया कि तिलक मानवता का प्रतीक है। राज्याभिषेक महोत्सव प्रसंग के दौरान व्यासपीठ और संकीर्तन मंडली की बधाई गीत ने पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ समिति पदाधिकारी समेत पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल,  पूर्व महापौर किशोर राय ने जमकर जश्न मनाया।
रामराज में व्यवहार की न्यूनता से बचे
महाराज ने व्यासपीठ से बताया कि आधुनिक सामाजिक व्यवस्था की अगुवाई करने वालों से  व्यवहारिक आचरण की न्यूनता और अवसर वादियों के दिखावे की प्रवृत्ति से रामराज्य की कल्पना नहीं की जा सकती। केवल चापलूसों से बात बनने वाली नहीं है। समभाव में रहकर व्यवहार करने वाले ही जनमानस में लोकप्रिय होते हैं। 
युवा पीढ़ी को दिया कल्याण का संदेश
युवा पीढ़ी को व्यास पीठ ने संदेश दिया कि  माता पिता और गुरु का सम्मान करें। सनातन संस्कृति और शास्त्रीय परंपराओं को जीवनचर्या का हिस्सा बनाये। घर से निकलने और वापस आने पर  ईश्वर को धन्यवाद करें। क्योंकि  ईश्वर भी प्रतीक्षा करते हैं। भक्तों की जीवन यात्रा और लक्ष्यों की पूर्ति कराना भगवान की जिम्मेवारी होती है। महाराज ने बताया कि जीवन की पढ़ाई कठिन होती है। सत्कर्म आचरण ही कल्याण का मार्ग है। दीक्षा से भगवत की प्राप्ति होती है।
मुख्य संरक्षक पूर्व मंत्री अमर ने किया धन्यवाद
नौ दिवसीय श्रीराम कथा समापन अवसर पर आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने महाराज और कथा सुनने आए शहर वासियों के प्रति धन्यवाद जाहिर किया। अमर ने बताया भगवान राम  को मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र के रूप में जाना जाता है। जान माल की सुरक्षा, लोगों की सेवा, सुविधाओं की बहाली, नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को अविरल बनाकर नए अवसर पैदा करना राजा का परम कर्तव्य होता है। त्याग, संयम, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरित्र को आत्मसात करने की लालसा, उत्कंठा, महाराज के माध्यम से ईश्वर से साक्षात्कार की अनुभूति हो रही है।
अमर अग्रवाल ने कहा समाज का दायित्व है नैतिक मूल्यों को परिमार्जन सतत हो। सांस्कृतिक परंपराओं अक्षुण्य बनाए। राम कथा के आत्मसात से सामाजिक,राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण की आवश्यकता है। रामचरित्र मानस में भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। देश की सामाजिक सांस्कृतिक की जीवंत झलक दिखाई देती है। अमर अग्रवाल ने बताया कलश यात्रा के दौरान बहनों ने अद्भुत बसंती राममय वातावरण बनाया। आत्मिक और सामाजिक शुद्धिकरण के लिए ऐसे आयोजन महाराज और बिलासपुर वासियों के आशीर्वाद सहयोग से  फिर आयोजित किया जाएगा। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने बिलासपुर एवम अंचल वासियों, सहयोगियो, प्रशासन एवं विशेषकर मीडिया के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
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