सिम्स ने अटकाया जननी सुरक्षा का बिल…8 महीनों से नहीं हुआ लाखों का भुगतान..वेन्डर की स्थिति डांवाडोल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—सिम्स और जिला अस्पताल के मरीजों को भोजन आपूर्ति करने वाले वेन्डर को पिछले आठ महीने से राशन का भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान नहीं होेने से ठेकेदार में काफी नाराजगी है। ठेकेदार के लोगों की माने तो..हर महीने बिल बनाकर दिया जाता है। लेकिन प्रबंधन बिना चढ़ावा…बिल का भुगतान करने को तैयार नहीं है। समय रहते यदि बिल का भुगतान नहीं किया गया तो मरीजों का खाना खिलाना मुश्किल हो जाएगा।

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आठ महीने से अटका खाना का बिल

जानकारी देते चलें कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जननी सुरक्षा योजना के तहत अस्पतालों में भर्ती मरीजों को शासन स्तर पर निशुल्क पौष्टिक आहार का वितरण किया जाता है। नियमानुसार प्रत्येक महीने के पहले सप्ताह में बिल पेश होने के बाद भुगतान किया जाता है। लेकिन सिम्स प्रबंधन ने समय पर बिल पेश किए जाने के बाद भी आठ महीनों से जननी सुरक्षा योजना के तहत भोजन का भुगतान नहीं किया है। वेन्डर की माने तो उसकी आर्थिक स्थिति दिनोदिन डांवाडोल होती जा रही है। समय पर भुगतान नही किया गया तो मरीजों के बीच राशन वितरण मुश्किल हो जाएगा।

मरीजों को दिया जाता है आहार

जानकारी देते चलें कि सिम्स और जिला अस्पताल बिलासपुर में भर्ती मरीजों को निशुल्क भोजन वितरण की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। ठेकेदार प्रबंधन के निर्देश पर तैयार पौष्टिक आहार का वितरण करता है। प्रत्येक दिन भोजन में अलग अलग खाद्य आहार होता है। एक मरीज पर करीब 250 रूपये खर्च होते हैं। इसके अलावा सुबह और शाम नाश्ता भी दिया जाता है। हर महीने लाखों रूपयों का बिल बनता है। सूत्र ने बताया कि प्रबंधन ने पिछले आठ महीनों से लाखों रूपयों का भुगतान नहीं किया है। जिसके चलते वेन्डर मे गहरी नाराजगी है। और बिल आज भी एमएस के टेबल पर सिग्नेचर का इंतजार कर रहा है।

कमीशन का खेल

 नाम नहीं छापने की सूरत में सिम्स प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि सिम्स में बिना कमीशन के कोई बिल नहीं निकल सकता है। किसी न किसी बहाने बिल को अटका दिया जाता है। जानते हुए भी कि

सूत्र की माने तो ठेकेदार आठ महीने से बिना भुगतान…मरीजों को आहार दे रहा है। यदि दो एक महीने बिल का भुगतान प्रबंधन ने नही किया तो मरीजों को भोजन परोस पाना मुश्किल हो जाएगा।

बिल अटकने की असली वजह

सूत्र ने बताया कि बहरहाल इस बार बिल पर सिग्नेचर नहीं होने का मुख्य कारण बिजली बिल है। प्रबंधन चाहता है कि सिम्स स्थित किचन में जलने वाली बिजली का भुगतान ठेकेदार करे। इसके अलावा अन्य विभागों की बिजली बिल भी पटाये। जबकि ठेकेदार का स्पष्ट कहना है कि जननी सुरक्षा योजना के तहत वितरित किए जाने वाले आहार का ही उसे ठेका मिला है। वह किसी भी सूरत में बिजली का भुगतान नहीं करेगा। जबकि वह सिम्स अधिकारियों को अलग से खुश भी रखता है।

मामले में पिलहाल सिम्स प्रबधन कुछ कहने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ ठेकेदार मामले की शिकायत ऊपर तक करने का निर्णय लिया है ।

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