राज्य वन सेवा परीक्षाःomr सीट में आधी अधूरी जानकारी..दूसरी पाली में कम नजर आए परीक्षार्थी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—रविवार को 211 पदों के लिए वन सेवा भर्ती परीक्षा हुई। संपन्न… सवालों में उलझे प्रतियोगी… माइनस मार्किंग के निर्देश स्पष्ट न होने से रही भ्रम की स्थिति*
 
बिलासपुर—छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने वन सेवा संयुक्त भर्ती परीक्षा 2020 रविवार को  20 जिलों में आयोजित किया गया। परीक्षा में हाईकोर्ट से परिणाम पर रोक होने के कारण प्रतियोगियों की उपस्थिति में सीधा असर देखने को मिला।
 
         रविवार को प्रदेश के 20 जिलों में वन सेवा भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। एक साथ कई प्रतियोगी जो पहली पाली में शामिल तो हुए…लेकिन दूसरी पाली में परीक्षा देते नजर नहीं आए। वहीं परीक्षा की गंभीरता से लेने वाले प्रतियोगी इस दौरान आयोग की व्यवस्था हलाकान दिखाई दिए।
 
             ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र के निर्देशों में कहीं भी माइनस मार्किंग का उल्लेख नहीं था। इसके चलते छात्रों मैें  भ्रम की स्थिति बनी रही। प्रश्न पत्र में निर्देशों में सभी प्रश्नों को हल करना अनिवार्य बताया गया।  दो पाली में हुई परीक्षा में पहली पारी में सामान्य अध्ययन का पर्चा हुआ। दूसरी पारी में विज्ञान, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी वानिकी कृषि का पेपर हुआ।
 
                  सामान्य अध्ययन के पहले भाग में गणित और  रिजनिंग के 50 प्रश्नों में ही अधिकांश विद्यार्थी उलझे रहे। छत्तीसगढ़ के 50 प्रश्नों प्रतियोगियों ने सहजता के साथ बनाया। भाषा परीक्षण में हिंदी, अंग्रेजी और छत्तीसगढ़ी के  प्रश्न पूछे गए।
 
          परीक्षा की दूसरी पाली में प्रश्नों के पैटर्न को लेकर ज्यादातर प्रतियोगी कसमशाते रहे। वन सेवा की परीक्षा में वानिकी के ही प्रश्नों को तवज्जो नहीं दी गई। कृषि विज्ञान के छात्रों की आशाओं पर भी पानी फिरता दिखाई पडा। फिजिक्स और केमिस्ट्री के सवालों में ही विद्यार्थी उलझे रहे। दोनों पेपरों में 150-150  प्रश्न पूछे गए।
 
                    फेसबुक सोसल मीडिया सीजीपीएससी न्यूज़ ग्रुप में प्रतियोगी परीक्षा से जुड़े प्रतियोगियो ने रेंजर भर्ती परीक्षा के पेपर को लीक से हटकर बताया। प्रतियोगियों ने बताया कि इसका फायदा न वानिकी वालों को मिलना है और ना एग्रीकल्चर वालों को ही मिलना है । सामान्य विज्ञान का अध्ययन करके जाने वाले लोगों को भी इसका फायद नहीं होगा।
 
               परीक्षा देने वालो ने बताया कि परीक्षा के प्रश्न पत्र पाठ्यक्रम  के अनुसार लक्षित समूह की क्षमता के मद्देनजर नहीं बनाए गए थे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले विशेषज्ञ का मानना है कि सामान्य अध्ययन का पर्चा सरल था।  विज्ञान के पेपर में व्यवहारिक और उपयोगिता आधारित प्रश्न किये गए है। लगातार तैयारी करने वालों को इसका अवश्य लाभ मिलेगा।
 
                   बताते चलें कि आयोग ने वन सेवा की परीक्षा में परिणामों पर हाईकोर्ट से रोक है। विभिन्न केंद्रों में कोरोनावायरस को लेकर व्यापक इंतजाम नहीं किए गए थे। परीक्षार्थी स्वयं अपनी सुरक्षा की तैयारी से सजग होकर शामिल हुए। सीटिंग प्लान एक कमरे में आम दिनों होने वाली परीक्षा की तरह रही। 35 से 40 विद्यार्थियों को एक कमरे में बैठाया गया था।
 
           कुल मिलाकर  लोक सेवा आयोग की कार्यशैली में प्रतियोगियों के हितों को देखते हुए सुधार कहीं भी दिखाई नहीं दिया।
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