निर्वाचन विशेष शिविर से शिक्षकों ने किया बंक…चुनाव अधिकारी ने कहा…करेंगे जांच..कारण बताओ नोटिस का दिया आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासुपर—-निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण लगभग पूरा प्रशासन चुनावी मोड़ में है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 2 अगस्त से मतदाता सूची का पुनरीक्षण का कार्य आरंभ हो गया है।  मतदान केंद्रों पर बीएलओ, अभिहित अधिकारी 2 अगस्त से 11 सितंबर तक प्रतिदिन बैठक कर निर्वाचन नामावली दुरुस्त कर रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लगभग प्रत्येक शनिवार और रविवार को विशेष शिविर का आयोजन कर नए मतदाताओं को जोड़ने का काम किया जा रहा है। कमिश्नर ,कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अमला स्वयं बूथों का निरंक्षण कर प्रतिदिन की रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को दे रहे हैं।

बावजूद इसके लोग निर्वाचन आयोग के आदेश को ना तो गंभीरता से ले रहे हैं। और ना ही चुनावी कार्य में जुटे अधिकारी ही निर्वाचन कार्य को तवज्जों ही दे रहे हैं। शहर के ठीक मध्य स्थित शासकीय बालक उच्यतर माध्यमिक विद्यालय सरकंडा मतदान केंद का हाल निर्वाचन मुस्तैदी से बिल्कुल जुदा है। अभिहित अधिकारी के दर्शन तो दूर..वे निर्वाचन कार्य के इतर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को काम कर रहे हैं।

जाहिर सी बात है निर्वाचन कार्य मे पारिश्रमिक नही है। इसलिए अभिगृहित अधिकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्यवेक्षक के रूप में काम कर जेब भर रहे हैं। प्रदेश में इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं की बाढ़ सी आयी है। लगभग हर रविवार को किसी ना किसी तरह की प्रतियोगी या प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।  परीक्षाओं में शिक्षकों की ड्यूटी पर्यवेक्षको के रूप में लगाई जाती है। दो या तीन घंटे की परीक्षा में पर्यवेक्षक को अच्छी खासी कमाई हो जाती है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में 19 और 20 अगस्त को मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का कार्य किया जाना था । इसी तारीख को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का भी आयोजन किया गया था। परीक्षा दो पाली में थी। इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी परीक्षा के एक दिन पूर्व आयोजित किया गया। शासकीय बालक उच्यतर माध्यमिक विद्यालय सरकंडा में पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया। स्कूल में पदस्थ व्याख्याता रमेश कुमार दुबे जिनकी ड्यूटी निर्वाचन कार्य मे अभिहित अधिकारी के रूप में लगाई गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश और आदेश को दरकिनार करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के विशेष पुनरीक्षण शिविर में भाग नही लिया।

तबीयत का बहाना बनाकर रमेश दुबे CUET  की दो पाली की परीक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान दोनो दिन मतदाता अपना नाम जुड़वाने के लिए भटकते रहे। जाहिर सी बात है रमेश कुमार दुबे ने निर्वाचन आयोग के निर्देशों को ना मानते हुए व्यक्तिगत लाभ को ज्यादा महत्व दिया। और उन्होेने दोनो दिन केन्द्रिय पात्रता परीक्षा में भाग लिया। सवाल उठने लगा है कि निर्वाचन आयोग के संज्ञान में आने के बाद इस तरह के शिक्षको पर आयोग क्या कार्यवाही करता है या सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया जाएगा।

       बताते चलें कि शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय सरकन्डा में पदस्थ रमेश दुबे के अलावा दो अन्य शिक्षकों ने भी निर्वैचन आयोग के निर्देश को हल्के मैं लिया है। 19 और 20 सितम्बर को रमेश दुबे समेत तीनों ने केन्द्रीय पात्रता परीक्षा में पूरे दिन पर्यवेक्षक का काम किया ।

कर्मचारियों ने जानकारी छिपाया

स्कूल  प्राचार्य मैडम वैश्य ने बताया कि निर्वाचन का काम अति महत्वपूर्ण है। रमेश दुबे समेत अन्य दोनों ने इस बात को छिपाया कि उनकी ड्यूटी निर्वाचन आयोग में लगी है। बहरहाल मामले को गंभीरता से लेंगे। क्योंकि मतदाताओं का काम प्राथमिकता में है। दोषी को पत्र लिखकर जानकारी भी मांगेंगे।

संस्था को कारण बताओ नोटिस

अरपा पार मुक्तिधाम का स्कूल बेलतरा विधानसभा से है। सहायाक चुनाव अधिकारी ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। संस्था और अभिगृहृत अधिकारी को कारण बताओं नोटिस किए जाने का आदेश दिया गया है। संस्था से जवाब मांगा जाएगा कि रमेश दुबे के अलावा अन्य दो अधिकारी कौन है जिन्होने निर्वाचन आयोग के कार्य की अनदेखी कर दूसरे काम को प्राथमिकता में लिया है। जांच पड़ताल के बात उचित कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।

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