सूरजपुर ।स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजना माना जाता है जिसके कई साइड इफेक्ट समय-समय पर सामने आते रहे है। इसी योजना का एक साइड इफेक्ट सूरजपुर जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा के रूप में सामने आया है। जिसकी वजह से यहां के शिक्षकों का वेतन भुगतान समय पर नहीं हो पाया है क्योंकि इस स्कूल का आहरण संवितरण अधिकार समाप्त कर दिया गया। इसकी वजह से शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों का मई महीने का वेतन अटक गया है।सीजी न्यूज़ अपडेट के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े क्लिक करें यहां
मजेदार बात यह है कि शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा का यह स्कूल राज्य शासन की 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय की राज्य शासन से जारी सूची में स्थान तो रखता है पर इसे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल घोषित नहीं किया गया है। इसकी जगह किसी अन्य स्कूल का चयन किया गया है। जो बताता है कि शिक्षा विभाग का सिस्टम कागजो में जमा खर्च करने में अव्वल तो है , लेकिन धरातल से काफी दूर नजर आता है।
गलती पर सवाल ..?
22 अप्रेल 2022 को अवर सचिव के आदेश से जारी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय की सूची में प्राचार्य के आहरण संवितरण अधिकार समाप्त करने के आदेश में सूरजपुर जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा का नाम होना और उसकी जगह किसी अन्य स्कूल का नाम नही होना यह कोई तकनीक भूल हो सकती है। लेकिन यही भूल प्रदेश के नए 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की योजना पर सवाल भी खड़े करती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजना जिसकी तारीफ देश भर में हुई है उसमें इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। बाकि के 170 स्कूलों की स्थिति अप्रेल के अंतिम सप्ताह में जारी सूची से कितनी कितनी भिन्न है ।
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय के साइड इफेक्ट के रूप में शिक्षक अब वेतन के लिए भटकने पर मजबूर है।सूरजपुर जिले का शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय नवापारा कागजी भूल की वजह से यहां का डीडीओ पावर फिलहाल समाप्त हो गया है।सुरजपुर जिला ट्रेजरी ने कागजी आदेश बता कर इसे लॉक होना बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। जो कि संस्था प्रमुख या जिला शिक्षा अधिकारी के रायपुर दौड़े बिना खुलता नही दिखाई जान पड़ता है।इस स्कूल की संस्था प्रमुख की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग को 27 मई 2022 को अपने विभागीय पत्र दिया गया है। जिसका जवाब और भूल सुधार कब होगा यह प्रश्न अब भी बरकरार है।