शिक्षा विभाग का नया कारनामाःबिना प्रमोशन भृत्य को बनाया बाबू..फिर क्रमिक वेतनमान की सूची में जोड़ा नाम..विभाग में हंगामा..लिपिकों में आक्रोश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-लगता है जिला शिक्षा विभाग और उसके कर्मचारियों ने नहीं सुधरने का  जैसे कसम ले लिया हो। नियम के खिलाफ विभाग के कर्मचारी जो करें…सो थोड़ा…। चाहे अनकम्पा नियुक्ति का मामला हो या स्थानान्तरण आदेश। या फिर अन्य नियुक्तियों में विवाद का ही मामला क्यों ना हो। जिला शिक्षा विभाग को मानों सुर्खियों में रहने की आदत सी हो गयी है। विभाग से अब एक नया मामला सामने आया है। अधिकारियों ने एक भृत्य को सहायक ग्रेड तीन का बाबू बताकर क्रमोन्नत आदेश जारी कर दिया है।
 
फिर सुर्खियों में जिला शिक्षा विभाग
 
             जिला शिक्षा विभाक एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा मामला सहायक क्रमोन्नति में बड़ी भूल की है। अधिकारियों ने फांदेबाजी कर एक भृत्य को सहायक ग्रेड तीन का कर्मचारी बताकर क्रमोन्नत आदेश जारी किया है। मामले को लेकर विभाग में जमकर हंगामा है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हालत सांप छछुंदर जैसी हो गयी है।
 
आठ लोगों की सूची..गलती बहुत बड़ी
 
                 मामला कुछ तरह है। शासन के निर्देशानुसार जिला शिक्षा विभाग ने  दस वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके सहायक ग्रेड तीन के बाबुओं का क्रमोन्नति आदेश जारी किया है। आदेश में अधिकारियों ने एक भृत्य को सहायक ग्रेड तीन का बाबू बता कर क्रमोन्नति आदेश जारी किया है।  मात्र आठ लोगो की सूची में इतनी बड़ी गलती निश्चित रूप से जिले के सबसे बड़े महकमे के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
 
कैसे तैयार हुई क्रमोन्नति की सूची
 
           जिला शिक्षा विभाग ने दस वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सहायक ग्रेड तीन के लिए क्रमोन्नति आदेश जारी किया। आदेश के बाद सहायक ग्रेड तीन का ग्रेड पे 1900 से बढ़ कर 2400 रुपये हो गया है। क्रमोन्नति आदेश जारी करने से पहले विभाग ने जिले के समस्त प्राचार्य और विकास खंड शिक्षा अधिकारियो से 10 साल की सेवा पूरी कर चुके सहायक ग्रेड तीन की सूची तैयार कराया।
 
बिना प्रमोशन बाबू बन गया भृत्य
 
             सूची तैयार करने के साथ ही प्रस्तावों की जांच के लिए छानबीन समिति का गठन किया गया। समिति की अनुशंसा पर पात्र आठ लोगो को क्रमोन्नति आदेश के योग्य पाया गया। आदेश की क्रम संख्या आठ में अधिकारियों ने एक ऐसे नाम को शामिल किया..जो भृत्य का काम करता है। बावजूद इसके अधिकारियों ने भृत्य को सहायक ग्रेड तीन का बाबू बनाकर क्रमोन्नति वेतनमान के लिए पात्र घोषित कर दिया है।
 
क्रमोन्नति सूची में नाम
          शिक्षा विभाग से जारी क्रमोन्नति की सूची क्रमांक आठ में संजय कुमार यादव का नाम है। संजय कुमार यादव सेवार स्थित शासकीय उच्यतर माध्यमिक विद्यालय में भृत्य के पद पर कार्यरत है। बावजूद इसके विभाग के होनहार अधिकारियों ने संजय कुमार यादव को सहायक ग्रेड तीन बता कर क्रमोन्नति आदेश जारी कर दिया। आदेश जारी होने के बाद लिपिकों में खासा आक्रोश है।
 
आखिर कब तक
 
                   बहरहाल भृत्य को लिपिक संवर्ग दिखा कर क्रमोन्नति आदेश जारी करने पर विभाग का कामकाज एक बार फिर विवादों में घिर गया है।  जिला शिक्षा अधिकारी भले ही विवादों के बाद आदेश रद्द कर नया आदेश जारी करने की बात कर रहे हैं। सवाल फिर भी खड़ा है कि ऐसी स्थिति बार-बार क्यों बनती है। अधिकारी जवाबदेही तय कर दशकों से जिला कार्यालय में जमे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही क्यों नही करते है।

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