रायपुर। बिना पंजीकृत राजीव मितान क्लब के जरिए गांव-गांव में खर्च की गई राशि का मुद्दा विधान सभा में गूंजा।प्रश्न काल में भाजपा के रजनेश सिंह ने पूछा कि राजीव युवा मितान क्लब में कितने क्लबो का गठन किया गया है।इनका पंजीयन हुआ या नहीं, और इन्हें किस नियम में राशि दी जा रही।बिना पंजीयन वो पैसे का उपयोग कैसे करसकते हैं? युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा राजीव मितान की मेन संस्था का पंजीयन किया गया है। उसकी जिलों और गांव में शाखाएं हैं। इनका पंजीयन नहीं है। इन शाखाओं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव चयनित हैं और वे राशि का आहरण करते हैं।
इन्हें 25-25 हजार की एक किस्त दी गई है। इससे इन क्लबों ने खेलकूद कराया और सामग्री खरीदी। मंत्री पटेल ने यह भी कहा कि इन शाखाओं का हर साल आडिट होगा। इसमें अनियमितता बरतने पर कार्रवाई भी होगी।
भाजपा के ही धरमलाल कौशिक ने चयन का मापदंड और राशि देने का आधार पूछा। इस पर पटेल ने कहा कि मापदंड तय किए गए हैं और उस आधार पर नियमावली बनाई गई है। स्पीकर चरणदास महंत ने नियमावली को सदन पटल पर रखने कहा ताकि हर सदस्य देख सके। कौशिक ने कहा कि अध्यक्ष जी यह क्लब चारागाह बन गया है। बिना पंजीयन 13 हजार क्लब बना दिए गए हैं। इन्हें हर साल 1.32 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
आडिट का प्रावधान नहीं किया गया है। राशि देना बंद करा दीजिए। इसमें पूरा लोचा है। मंत्री ने कहा कि मुख्य समिति का पंजीयन है, ब्रांचेस का नहीं। आडिट की व्यवस्था है। अनियमितता पर कार्रवाई भी होगी। इस जवाब को असंतोषजनक बताते हुए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर विरोध जताया।