राजभवन पहुंची सहकारी बैंक घोटाले की खबर..किसानों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग..राज्यपाल ने दिया आश्वासन..अधिकारियों में हलचल

BHASKAR MISHRA
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धानमण्डी जिला सहकारी बैंक शाखा में 80 लाख घोटाला का मामला राजभवन तक पहुंच गया है। भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई में किसानों का प्रतिनिधिमण्डल राजपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात कर जिला सहकारी बैंक शाखा तोरवा धानमण्डी में 80 लाख रूपयों की घोटाले की जानकारी को साझा किया। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने मामले में सीबीआई जांच की मांग को दुहराया।
किसान नेता ने बताया कि दोषी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। दोषी महिला अधिकारी 80 रूपयों का घोटाला करना कबूल किया। लेकिन प्रबंधन ने मिली भगत कर महिला को बचाने का प्रयास किया है। कोर्ट में सिर्फ 14 लाख रूपयों का गबन बताया गया है। बहरहाल महिला अभी जमानत पर है। 
किसान संघ के प्रदेश महामंत्री नवीन शेष, बिलासपुर जिलाध्यक्ष और प्रान्त मीडिया प्रभारी धीरेन्द्र दुबे के साथ प्रभावित किसानों ने राज्यपाल से मुलाकात जिला सहकारी बैंक में 80 लाख रूपयों की घोटाला की जानकारी को साझा किया। प्रधिनिधिमण्डल में शामिल पीड़ित किसान मणिशंकर कौशिक और पन्नालाल पाल ने अपनी परेशानियों को भी राज्यपाल के सामने विस्तार से बताया।
किसान नेता नवीन शेष और धीरेन्द्र ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को मुलाकात के दौरान बताया कि बिलासपुर जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के मंडी शाखा में खुलेआम लूटपाट का खेल चल रहा है। लोग घोटाला पर घोटाला को अंजाम दे रहे हैं। किसानों की गाढ़ी कमाई को बेदर्दी के साथ लूटा जा रहा है। बावजूद इसके सिस्टम मौन है। सिर्फ दिखावे के लिए जांच की कार्रवाई होती है। और अन्त में दोषी को अधिकारी गण मिलीभगत कर आजाद कर देते हैं।
किसान नेताओं ने लिखित शिकायत में बताया कि किसानों के मर्यादित बैंक अमर्यादित कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। सैकड़ों किसानों के करोड़ों रुपये का गबन हो गया। बावजूद इसके अभी तक आरोपियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है। जांच टीम तो बैठाया गया…रिपोर्ट भी पेश हो चुका है। रिपोर्ट में दोषी की पहचान भी हो चुकी है। लेकिन बैंक के कुछ रसूखदार  कर्मचारी लेनदने कर आरोपी को क्लीन चिट देने का षड़यंत्र रचा है।
प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल को बताया कि महिला आरोपी खुश्बू शर्मा ने सीईओ के सामने 80 लाख रूपयों का जुर्म कबूल किया। लेकिन प्रबंधन ने चालबाजी कर मात्र 14 लाख का गबन बताया। साथ ही कोर्ट को गुमराह करते हुए सिर्फ जानकारी दिया कि आरोपी ने 12 लाख जमा कर दिया है। जल्द ही बाकी 2 रूपये भी जमा कर देगी। सच्चाई तो यह है कि जांच के दौरान करीब दो करोड़ से अधिक घोटाला की जानकारी बैंक से आयी है। रिपोर्ट को छिपा दिया गया है। इसमें पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है।  धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि किसान हितैषी सरकार में किसान न्याय पाने के लिए दरबदर भटक रहा है। ऐसी स्थिति सिर्फ बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के जिला सहकारी बैंक की है। प्रदेश के सभी संभाग में जिला सहकारी बैंक में घोटालों की बाढ़ है।
पत्रकारों को धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि राज्यपाल से हमने बिलासपुर जिला सहकारी बैंक के मंडी शाखा के किसानों की समस्याओं को अवगत कराया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि आरबीआई के CEPC यानि कंज्यूमर एजुकेशन प्रोटेक्शन सेल में मामला रजिस्टर किया है,। नाबार्ड में बी मामले की शिकायत दर्ज कराया गया है। नाबार्ड ने जिला सहकारी बैंक बिलासपुर को नोटिस भी भेजा है। बावजूद इसके 5 महीने से किसान अपने जमा राशि को पाने के लिए भटकने को मजबूर हैं।
हमने राज्यपाल से यह भी बताया कि बैंक रूपया नहीं दे रहा है। जिसके चलते मजबूर और गरीब किसान बच्चों की फीस भरने में लाचार हैं। किसी किसाान को बच्चों की शादी करना है ..किसी को ईलाज के लिए रूपयों की जरूरत है। कोई घर बनवा रहा है। बैंक से रूपया नहीं दिया जा रहा है। धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि सारे बातें सुनने के बाद राज्यपाल ने जिला प्रशासन और बैंक प्रशासन को लेकर नाराजगी जाहिर किया है। उन्होने आश्वासन दिया है कि प्रदेश सरकार को मामले में तत्काल संज्ञान लेने को कहेंगे। साथ ही उच्चस्तरीय जांच का भी निर्देश देंगे। 
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