22 अगस्त से होगी बेमुद्दत हड़ताल, 6% DA को कर्मचारी/अधिकारियों के फेडरेशन ने किया नामंजूर

Chief Editor
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रायपुर। महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ( डीए / एचआरए ) की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी/ अधिकारी फेडरेशन 22 अगस्त से वे मुद्दत हड़ताल के फैसले पर अडिग है। तीन लाख से अधिक सदस्य संख्या वाले 88 कर्मचारी संगठन इस फेडरेशन में शामिल है। फेडरेशन ने प्रदेश सरकार की ओर से जारी 6% डीए के आदेश को नामंजूर कर दिया है। सभी कर्मचारियों /अधिकारियों ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जान जाने की तैयारी शुरू कर दी है ।इस सिलसिले में आने वाले 3 दिनों के भीतर युद्ध स्तर पर फार्म भराए जा रहे हैं।

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जैसा कि मालूम है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग ने कर्मचारियों को 6 फ़ीसदी डीए देने का आदेश जारी किया है। यह आदेश जारी होने के बाद से ही लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता रही है कि डीए का आदेश जारी होने के बाद अब अधिकारी/ कर्मचारियों का फेडरेशन क्या फैसला करेगा। इस बारे में फेडरेशन की ओर से खबर आ रही है कि उन्होंने 6% डीए के आदेश को नामंजूर कर दिया है और हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर अडिग हैं। फेडरेशन के सभी संगठनों ने अपने तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी है। इस सिलसिले में वरिष्ठ कर्मचारी नेता और तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रमुख संरक्षक पीआर यादव ने संगठन से जुड़े सभी पदाधिकारी ,तहसील ,विकासखंड ,जिला अध्यक्ष और विभागीय समितियों से 22 अगस्त से बेमुद्दत हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है। उनका कहना है कि 16 से 18 अगस्त तक तीन दिन है। इस दौरान युद्ध स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का फार्म भरवाएं। सभी जगह फार्म भरने के लिए दफ्तरों, संस्थाओं और स्कूलों में संपर्क कर सक्षम अधिकारी तक फार्म जमा भी कराएं। उन्होंने कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए इसे निर्णायक संघर्ष बताया है ।

अधिकारी/ कर्मचारियों का फेडरेशन केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। यह आंदोलन पिछले काफी समय से कई चरणों में जारी है। सरकार की ओर से 6 प्रतिशत डीए का प्रस्ताव दिया गया था। संगठन ने इसे कर्मचारी/ अधिकारियों की भावनाओं के विरुद्ध बताते हुए अस्वीकार कर दिया है। चौथे चरण में 22 अगस्त से बे मुद्दत हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी है। 6 प्रतिशत टीए बढ़ाने के आदेश के साथ ही कर्मचारियों के सामने यह साफ नहीं हो सका है कि 4 साल 4 महीने के एरियर्स पर क्या स्थिति बन रही है। व्यवस्था है कि डी ए जनवरी और जुलाई में देय होता है। सरकार ने जनवरी में तो डीए नहीं दिया और 16 अगस्त के आदेश में ड्यू डेट जुलाई ना होकर अगस्त किया गया है। कर्मचारी संगठन इसे उचित नहीं मान रहे हैं। इसी तरह पेंशनर्स को दिएजाने वाले महंगाई राहत पर भी कोई फैसला नहीं किया गया है। इसे देखते हुए बे मुद्दत हड़ताल के फैसले पर संगठन कायम है।

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