ग्रामीण क्षेत्रों से खबर भेजने वालों को भी माना जाए पत्रकार,सुरक्षा कानून की तैयारी में सक्रिय पत्रकार संघ ने रखा सुझाव

Shri Mi
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बिलासपुर।प्रदेश में आंचलिक पत्रकारिता की जड़ो को मजबूत करने में छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ हमेशा प्रभावी भूमिका में रहा है । रायपुर से प्रदेश के पत्रकारों के लिए अच्छी खबर छन कर आ रही है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी में है , नियम संबंधित कानूनी ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा चुका है । बस इसके मूर्त रूप में लागू किये जाने की प्रतिक्षा है। जानकारी साझा करते हुए छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राज गोस्वामी ने बताया कि मिले ड्राफ्ट के दस्तावेजों के मुताबिक हमने पत्रकार साथियों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून के मसौदा को साझा किया है। इस कानून के लागू होने से पत्रकारों को क्या नफा नुकसान होगा …? कानून में बदलाव किया जाना चाहिए या नही ..किया जाना चाहिए तो क्या ..? इस पर पत्रकार साथी सुझाव व जानकारी साझा कर सकते है।

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संघ के अध्यक्ष राज गोस्वामी ने बताया कि छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ ने यह मांग की थी कि ग्रामीण क्षेत्रों से समाचार भेजने वाले व्यक्ति को पत्रकार माना जाना चाहिए । अंचल के पत्रकार मजीठिया से वंचित है।प्रदेश में इस कानून के लागू होने पर मजीठिया लागू होगा । इस प्रस्तावित ड्राफ्ट के कानून से ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को अधिक लाभ होगा। आज ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को समाचार पत्रों के मालिक एजेंट मानते हैं। उन्हें अब पत्रकार मानना होगा ।

राज गोस्वामी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि नए ड्राफ्ट के अनुसार सभी पत्रकारों को जिला जनसंपर्क कार्यालय में अपना पंजीयन कराना होगा । पंजीयन तभी होगा जब कोई पत्रकार किसी समाचार पत्र, न्यूज चैनल , वेबपोर्टल ,यूट्यूब बेस्ड न्यूज चैनल, समाचार एजेंसियों के द्वारा अधिकृत हो, तो ही एक पत्रकार के रूप में उसका पंजीयन संभव होगा । अधिकृत व्यक्ति का मतलब उसके पास पत्रकार होने के दस्तावेज होंगे। इस नई व्यवस्था में अब कांटेक्ट पर काम करने पर रोक लगेगी। जिसके चलतेे अधिकृत पत्रकार मजीठिया वेज बोर्ड के दायरे में आएगा मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार तहसील स्तर के पत्रकार को मिडिया संस्थानों को कम से कम पांच हजार रुपये देना होगा । साथ ही अन्य भी कई फायदे हैं । पत्रकार साथियों को मिल सकते है।

राज गोस्वामी अपने विचार रखते हुये बताते है कि देश और प्रदेश के कई प्रतिष्ठित कलमवीर जांबाज पत्रकारों ने सक्रिय पत्रकार संघ के मंच से प्रदेश के कई जिलों में हुए आयोजनों में आंचलिक पत्रकारिता के महत्व को बताया है । पत्रकारों की दिशा और दशा पर चिंतन हुआ है। मजीठिया की लडाई संघ प्रदेश के चारो कोने बलरामपुर,सुकमा,रायगढ़ , कवर्धा …का मजबूत दुर्ग बनाते हुए लड़ रहा है। श्री गोस्वामी का मानना है कि छत्तीसगढ़ के इस प्रस्तावित प्रारूप को आईडियल माना जाना चाहिये हुए इसी तरह का कानून भारतवर्ष के सभी राज्यों की सरकारों को लागू करने की जरूरत है । इस कानून के लागू होने पर पत्रकारों विशेष कर ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को बहुत लाभ होगा ,साथ ही पत्रकारिता के स्तर में सुधार संभव है । पत्रकारिता की पुरानी छवि पुनः देखने को मिलेगी, पत्रकार प्रताड़ना ,उनपर लगने बाले विभिन्न आरोपों से भी निजात मिल सकने की ओर एक सबसे प्रभावी कदम साबित हो सकता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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