केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने ‘अनुसूचित जाति के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप’ को छात्रों तक समय पर नहीं पहुंचने को लेकर तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) को पत्र लिखा है. इस पत्र में केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि किस तरह इस स्कॉलरशिप की मदद से छात्रों को पैसे के मानसिक तनाव से नहीं गुजरना पड़ता है. उन्होंने बताया है कि इस स्कॉलरशिप का फायदा लाखों की संख्या में छात्र उठा रहे हैं. ऐसे में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के पैसे को जल्द से जल्द छात्रों के अकाउंट में ट्रांसफर कर देना चाहिए.
जी किशन रेड्डी ने अपने पत्र में कहा, ‘दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारदर्शिता और नियमितता के आधार पर स्कॉलरशिप का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अनुसूचित जाति के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (PMS-SC) के बड़े पैमाने पर सुधार को मंजूरी दी.’ उन्होंने कहा, ‘नई योजना ने केंद्र सरकार के योगदान को 60 फीसदी तक बढ़ा दिया है. इस तरह इसमें पांच गुना तक की वृद्धि की गई है.’ मंत्री ने बताया कि इस स्कॉलरशिप के जरिए किन बातों का ख्याल रखा गया.
स्कॉलरशिप में इन बातों का रखा गया ख्याल
तेलंगाना मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया कि इस स्कॉलरशिप के जरिए गरीब छात्रों पर फोकस रखा गया. फ्रॉड से बचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया. बिचौलियों को हटाने के लिए छात्रों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की सुविधा दी गई. उन्होंने आगे कहा कि स्कॉलरशिप के भुगतान के लिए टाइमलाइन बनाई गई और देरी होने पर जीरो टोलरेंस की नीति पर जोर दिया गया. साथ ही शिक्षण संस्थानों में उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता का आश्वासन दिया गया.
स्कॉलरशिप से दूर होगा छात्रों का मानसिक तनाव
केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘इन स्कॉलरशिप का उद्देश्य पूरे अकेडमिक ईयर में छात्रों को पाठ्यक्रम की किताबों, छात्रावास की फीस और अन्य खर्चों को पूरा करने में सहायता करना है, ताकि वे पूरी तरह से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें और वित्तीय साधनों की कमी से उत्पन्न होने वाले मानसिक तनाव से खुद को मुक्त कर सकें. इसलिए ये जरूरी है कि ये स्कॉलरशिप छात्रों को जल्द से जल्द जारी किया जाए, न कि अकेडमिक ईयर के बाद.’
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-2021 में भारत सरकार ने स्कॉलरशिप के लिए तेलंगाना को 245 करोड़ रुपये (इसमें केंद्र का 60 फीसदी योगदान रहा) ट्रांसफर किए. हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक पात्र छात्रों को यह पैसे जारी नहीं किए हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि अकेडमिक ईयर 2021-22 में करीब 2 लाख छात्रों ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया है. हालांकि, तेलंगाना सरकार ने अभी तक पोर्टल पर छात्रों के डेटा का वेरिफिकेशन और अपलोड करने के प्रोसेस को पूरा नहीं किया है. इस वजह से DBT के जरिए छात्रों तक राशि नहीं पहुंची है.
स्कॉलरशिप से छात्रों-अभिभावकों को मिलेगी राहत
जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना सीएम को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए योजना के दूरगामी लाभों को ध्यान में रखते हुए, इस योजना को पूरे देश में राज्य सरकारों द्वारा लागू किया जा रहा है, चाहे उनकी राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो.’ उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, कोविड महामारी समाज के सभी वर्गों के लिए आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण रही है. पेंडिंग स्कॉलरशिप से छात्र-अभिभावकों को कुछ राहत मिलेगी. ऐसे में मेरा विनम्र अनुरोध है कि आप राज्य में पोस्ट मैट्रिक एससी/एसटी स्कॉलरशिप को लागू करें, जिससे गरीब छात्रों को लाभ होगा.’