सामान्य सभा हंगामा ने पकड़ा तूल..कांग्रेसियों ने सीईओ को बताया..पिछले दरवाजे से शामिल हुआ पत्र..मिलीभगत में अधिकारी भी संभव..मामले में निष्पक्ष जांच की जरूरत

Editor
4 Min Read
बिलासपुर—जिला पंचायत में 14 दिसम्बर को आयोजित सामान्य सभा में हंगामा का मामला शांत होते नजर नहीं आ रहा है। कुर्सी व्यवस्था को लेकर बेलतरा और बिल्हा विधायक प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान फर्स पर बैठकर विरोध प्रदर्शन के साथ जमकर हंगामा किया था। इस दौरान भाजपा समर्थित सदस्यों ने सामान्य सभा का बहिष्कार भी किया। मामले में जानकारी मिल रही है कि बेलतरा विधायक प्रतिनिधि ने ना केवल बिना अनुमति सामान्य सभा में शामिल होकर हंगामा मचाया। बल्कि विवाद से बचने पिछले दरवाजे से विधायक का बतौर प्रतिनिधि पत्र भी शामिल कराया है। कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीईओ से पत्र की जांच कराए जाने की बात कही है।   
 
                    14 दिसम्बर को आयोजित सामान्य सभा के दौरान हंगामा का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि बेलतरा विधायक प्रतिनिधि को लेकर अब एक नया विवाद सामने आ गया है। जिला पंचायत कांग्रेस समर्थित सदस्यों की माने तो भाजपा नेता ने हंगामा के बाद किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचने के लिए पिछले दरवाजे से अधिकारियों से मिलीभगत कर  विधायक प्रतिनिधि का पत्र जमा किया है। सूत्र ने बताया कि पत्र का जिक्र ना तो आवक जावक में है। और ना ही डाक से ही भेजा गया है। जानकारी मिल रही है कि अध्यक्ष और सभापति की मांग पर पत्र की जांच हो सकती है।
 
                         जानकारी देते चले की सामान्य सभा बैठक के दौरान सीटिंग व्यवस्था को लेकर भाजपा नेता विक्रम सिंह ने जमकर विरोध किया था। विधायक के लिए निर्धारित कुर्सी से उठाए जाने के बाद अशोक कौशिक और विक्रम ने सामान्य सभा की बैठक में जमीन पर बैठकर प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने अध्यक्ष अरूण सिंह,सभापति अंकित गौरहा समेत अधिकारियो पर विधायक जनप्रतिनिधि को अपमानित करने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा समर्थित सदस्यों के साथ सभा का बहिष्कार भी किया। यद्यपि कुछ देर बाद विक्रम सिंह के अलावा सभी सदस्यों ने सामान्य सभा की कार्रवाई में हिस्सा लिया।
 
                                       शोर शराबा और हंगामा के बीच करीब 45 मिनट से अधिक कार्रवाई नहीं हुई। घटनाक्रम से नाखुश अध्यक्ष और सीईओ ने जांच पड़ताल का निर्देश दिया। इस दौरान जानकारी मिली कि अन्य विधायको की तरह बेलतरा विधायक ने जिला पंचायत सामान्य सभा में प्रतिनिधि भेजने को लेकर कभी पत्र ही नहीं लिखा है। जबकि सीटिंग व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा बताया कि बेलतरा विधायक प्रतिनिधि की हैसियत से बैठक में शामिल होते आया हूं। लेकिन इस बार उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
 
                                         जिला पंचायत के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया हंगामा के दो दिन बाद तक विधायक की तरफ से कोई पत्र नहीं जमा था।  बैठक के एक महीना बाद एक पत्र मिला है जिसमें विक्रम सिंह को विधायक प्रतिनिधि बताया गया है। सीईओ को संबोधित पत्र मे इस बात का भी जिक्र है कि बैठक में प्रतिनिधि नियुक्ति को लेकर पूर्व में टेलिफोनिक चर्चा भी हुई है।
 
             मामले में अँकित गौरहा ने बताया कि सदन की कार्यवाही  मौखिक सूचना के आधार पर नहीं चलती है। मामला संदिग्ध है। इसलिए पत्र को लेकर जांच पड़ताल बहुत जरूरी है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले दरवाजे से एक अधिकारी के इशारे पर पत्र को शामिल किया गया है।
close