कोलवाशरी विस्तार की जनसुनवाई को अवैध बताकर गांव वालों ने खोला मोर्चा,फर्जी रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कराने की भी माँग

Chief Editor
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बिलासपुर। शहर से लगे घुट्कु/ निरुतू गांव में फ़िल स्टील एंड पॉवर और फिलकोल बेनीफिकेशन के विस्तार को लेकर होने वाली जनसुनवाई के ख़िलाफ़ गांव के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को बड़ी तादाद में कलेक्ट्रेट पहुंचे गांव के लोगों ने 20 अप्रैल को होने वाली जनसुनवाई को अवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की। साथ ही फर्जी आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई ईआईए रिपोर्ट तैयार करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की भी मांग की गई है।

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गांव के लोगों ने कलेक्टर के नाम पर अपने ज्ञापन क़ो आमजन का विधिक नोटिस कहां है ।सा थ हीं इसमें जनसुनवाई के खिलाफ बिंदुवार ब्यौरा भी दिया है। जिसमें कहा गया है कि घुट्कु / निरतू में 19 अप्रैल को मैसर्स फ़िल स्टील एंड पावर लिमिटेड और 20 अप्रैल को फील कोल्ड बेनिफिकेशन की प्रस्तावित लोक सुनवाई फर्जी आंकड़ों से तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के 14 सितंबर 2006 के विधिक प्रावधानों का उल्लंघन निश्चित है। निर्माणाधीन संयंत्र से 10 किलोमीटर के दायरे के प्रत्येक ग्रामपंचायत, नगर पंचायत और नगर निगम में रिपोर्ट की प्रति प्रदान नहीं की गई है। ईआईए रिपोर्ट क्षेत्रीय भाषा हिंदी में ना होकर सिर्फ अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है। लोक सुनवाई की मुनादी आस-पास के गांव में नहीं कराई गई है। इसलिए मुनादी की वीडियोग्राफी का सवाल ही नहीं उठता।

उन्होने यह भी कहा है कि ग्राम पंचायत की अनापत्ति ग्राम सभा बुलाकर नहीं कराई गई है। नियम के तहत ग्राम सभा के लिए जनपद पंचायत के सीईओ के प्रतिनिधि की मौजूदगी में ग्राम सभा का आयोजन किया जाना चाहिए। ना कि सरपंच और कुछ पंचों द्वारा बंद कमरे में ग्राम सभा आयोजित होनी चाहिए। संयंत्र द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण समाधान निर्धारण रिपोर्ट में कहा गया है कि संयंत्र के आर पार नहर गुजरती है। नियमानुसार संयंत्र के भीतर कोई सार्वजनिक वाटर बॉडी नहीं होनी चाहिए । जबकि संयंत्र के भीतर से ही नहर आर-पार गुजर रही है तो उस नहर से बहने वाला पानी कितना प्रदूषित होगा यह विचारणीय है। समाधान निर्धारण रिपोर्ट में एनएच की दूरी 7.5 किलोमीटर बताई गई है । जबकि एनएच से संयंत्र की दूरी 1 किलोमीटर से भी कम है। इससे लगता है कि कि ई आई ए रिपोर्ट एक बंद कमरे में बैठकर बनाई गई है …। न कि प्रस्तावित स्थल पर।

समाधान निर्धारण रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि प्रस्तावित परियोजना स्थल अथवा परियोजना के विरुद्ध न्यायालय द्वारा पारित किसी निर्देश के विरुद्ध मुकदमा / अदालत का मामला लंबित नहीं है। यह कथन पूरी तरह से असत्य है। क्योंकि उच्च न्यायालय में इसके विरुद्ध मामला लंबित है और उच्च न्यायालय की ओर से पूर्व कलेक्टर के खिलाफ कंटेन्टमेंट की कार्यवाही प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन को सेंट्रल जू अथॉरिटी नई दिल्ली के द्वारा 3 अगस्त 2005 से मान्यता प्रदान की गई है । जहां विलुप्त होती वन्य प्रजातियों का संरक्षण और पोषण किया जाता है। क़ोलवाशरी से इसका एरियल डिस्टेंस मात्र 6.2 किलोमीटर है। किसी भी जूलॉजिकल पार्क जू के 10 किलोमीटर के दायरे में पर्यावरण प्रदूषित करने वाले संयंत्र की स्थापना नियमानुसार नहीं की जा सकती है। 22 फरवरी 2017 को लोक सुनवाई में दर्ज कराई गई आपत्ति में कहा गया था कि वाशरी तक आने जाने के लिए कोई पहुंच मार्ग नहीं है। उद्योग द्वारा पत्र के जवाब में बताया गया कि रेलवे बोर्ड द्वारा रोड निर्माण के लिए 10 वर्षों हेतु लीज पर भूमि आवंटित की गई है। लेकिन रेलवे बोर्ड नई दिल्ली की ओर से 4 सितंबर 2013 के पत्र के अनुसार नियमों का उल्लंघन और भूमि का व्यवसायिक उपयोग किए जाने के कारण लीज़ को निरस्त कर दिया गया है।

उन्होने यह भी कहा है कि कोल वाशरी की क्षमता विस्तार और नए संयंत्र के निर्माण से लगभग 2000 से अधिक वाहनों का उपयोग कोयला और कच्चा माल परिवहन के लिए किया जाएगा। संयंत्र के द्वारा नहर के बाजू में स्थित रोड का उपयोग आज तक परिवहन के लिए किया जा रहा है। जिससे नहर में पानी की जगह कोय़ले और धूल के कण घुले हुए हैं । जिसे मौके पर देखा जा सकता है। इस कोलवाशरी के कारण हो रहे प्रदूषण के चलते आसपास के गांव के सैकड़ों एकड़ खेत बंजर हो गए हैं और नहर के दोनों तरफ के किसानों में अब फसल की बोनी ही बंद कर दी है। जब एक संयंत्र के चलते आसपास का पूरा पर्यावरण प्रदूषित हो गया है तो संयंत्र विस्तार के बाद स्थिति कितनी भयावह होगी इसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

गांव के लोगों ने जिला कलेक्टर से उम्मीद जताई है कि विधि विरुद्ध अवैधानिक लोक लोक सुनवाई को तत्काल निरस्त करते हुए कंपनी के मैनेजमेंट हेड और फर्जी आंकड़ों के आधार पर ईआइए रिपोर्ट तैयार करने वाली कंसलटेंट कंपनी के खिलाफ फर्जी ईआईए रिपोर्ट तैयार करने, इसका उपयोग करने और षड्यंत्र कर जनता शासन प्रशासन से धोखाधड़ी करने का अपराधिक प्रकरण दर्ज कराएं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस अवैधानिक जनसुनवाई को नहीं रोका गया तो मामले में संलिप्तता मानी जाएगी और आपराधिक मामला दर्ज कराने के लिए अदालत की शरण में भी जाएंगे।

आज का प्रदर्शन आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता दिलीप अग्रवाल के नेतृत्व में किया गया था। जिसमें प्रमुख रुप से राष्ट्रीय किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव सुमित कुमार शर्मा, के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा, दिनेश सिंह, संदीप पटेल, विनय गढ़वाल, सत्या गढ़वाल, गोपाल पटेल, दिनेश साहू, एवं सशक्त महिला समूह में 6 पंचायतों की महिलाएं शामिल थी। इसमें गायत्री पटेल, गंगा पटेल, जानकी पटेल, प्रमुख रूप से हैं खरगहनी के सरपंच दिनेश साहू, राजकुमार पटेल, सुरेंद्र पटेल, राजेश शर्मा, आदि शामिल रहे।

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