हमें गांधी और गौतम के राम को समझना होगा..फिर मिट जाएंगी दिल की दूरियां…देश ही नहीं दुनिया में स्थापित हो जाएगा रामराज्य

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—हमारे धर्मग्रंथ में कई देवताओं का जिक्र है। सभी देवता मानव समाज ही नहीं बल्कि प्रकृति के लिए हितकारी हैं। बावजूद इसके भगवान रामचन्द्र का मानव समाज में हमेशा से विशेष स्थान रहा है। इसकी मूल वजह उनका मानव जीवन के प्रति निर्वाहा गया जीवन है। भगवान राम ने मानव अवतार लेकर हम सबको मानव जीवन का  सही मायनों में परिभाषा दिया। उन्होने ही बताया कि मानव किस तरह अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ समाज, देश और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन करे। यह बातें जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने जगह जगह आयोजित अखण्ड रामायण पाठ के दौरान पत्रकारों से कही। अंकित ने बताया कि देवता हमेशा सुखदाता होते हैं। लेकिन भगवान राम देवता होकर भी मानव जगत के सबसे करीब और प्रणम्य हैं।
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत लखराम, कछार और गतौरी में आयोजित अखंड नवधा रामायण शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत किया। कांग्रेस नेता ने व्यास पीठ को नमन किया। साथ ही अन्य आयोजित सम्मान कार्यक्रम में शिरकत कर लोगों को सम्मानित भी किया। 
कार्यक्रम में शामिल अंकित गौरहा ने बताया कि हिन्दू धर्म में सभी देवताओं का अपने अपने स्थान पर विशेष अहमियत है। लेकिन भगवान राम की बात कुछ अलग है। भगवान राम ना केवल देवता बल्कि मानव समाज को सबसे पहले परिभााषित करने वाले आदि पुरुष भी हैं।
हम सब जानते हैं कि भगवान हमारे बीच में अवतरित हुए। इस दौरान उन्होने ऐसा आचरण किया कि आज भी सारा संसार मानव जगत में उनके मर्यादित आचरण सर्वश्रेष्ठ मानता है। यही कारण है कि उन्हें मर्यादा भगवान पुरुषोत्तम राम कहा जाता है। चाहे राजनीति हो या फिर समाजिक नीति.. हर जगह भगवान राम प्रासंगिक है। और यह तब तक रहेगा जब तक मानव समाज इस धरती पर रहेगा। 
अंकित ने बताया कि हर तरफ हर समय रामराज्य की बातें होती हैं। इसकी मुख्य वजह मर्यादा पुरूषोत्म भगवान राम का मानव रूप में पृथ्वी पर किया किया गया उनका आचरण है। जबकि हम सभी जानते हैं कि भगवान राम विष्णु के अवतार है। बावजूद इसके उन्होने मानव और मानव समाज को जीवन की परिभाषा देने पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होने अपने जीवन काल जो आचरण किया…उसे आज ना केवल  हिन्दू समाज बल्कि अन्य धर्माों में आदर्श के रूप में देखा जाता है। हर जगह राम राज्य की बातें होती हैं।
 
अंकित ने कहा जिसने राम का अनुशरण किया.. उसका इस दुनिया में कोई दुश्मन हो ही नहीं सकता है। ऐसे लोगों को प्रकृति भी प्यार करती है। सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय का ही दूसरा नाम रामराज्य है। दुख की बात है कि लोग सिर्फ राम और रामराज्य की बातें तो करते हैं। लेकिन आदर्शों से बहुत दूर होते हैं। जिस दिन हम गांधी और गौतम के राम को समझ लेंगे उसी दिन मुख में राम बगल में छुरी वाला मुहावरा खत्म हो जाएगा। दुनिया से कलह ना का शब्द ही गायब हो जाएगा। 
हमारी जिम्मेदारी है कि हम रामराज्य की परिकल्पना को ना केवल साकार करें। बल्कि सभी धर्म समाज, प्राणी और प्रकृति को दिल से प्यार कर मानव धर्म की मिसाल स्थापित करें।
 अखण्ड नवधा रामायण कार्यक्रम के दौरान आचार्य  रामनारायण पाण्डेय, स्थानीय जनप्रतिनिधि बबिता वर्मा, रामकुमार कैवर्त, रामनाथ यादव, मुन्ना लाल कैवर्ट भागवत साहू ,प्रमोद यादव, लाला धीवर, कन्हैया साहू, उत्तम यादव,विजय साहू,प्रमोद यादव, मेलऊ देवांगन, लतेल यादव ,सुंदर साहू, दीनदयाल यादव, बलराम विश्वकर्मा, सुंदर गोड, लखन काछी, सूरज देवांगन, रामप्रसाद कैवर्त, शत्रुहन यादव, कैलाश कैवर्त, भोला साहू , धनेश केवट रूपेश केवट, बालचंद वर्मा, मनहरण कुम्हार और सथानीय गणमान्य लोग उपस्थित थे। 
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