जब पंडित नेहरू..लता को गले लगाकर रोने लगे ..कहा..इस लड़की ने रूला दिया.और आज.देश को रूला दिया..प्रधानमंत्री मोदी ने भी जताया शोक

Editor
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बिलासपुर— भारत रत्न लता मंगेशकर का आज तड़के 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर को ब्रीच कैण्डी अस्पताल मुम्बई में 8 जनवरी को भर्ती कराया गया था। कोविड संग्रमित लता ठीक हो गयी। बाद में उन्हें वेन्टीलेटर पर रखा गया था।

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                आजादी के बाद से बॉलीवुड से हालीवुड तक लता मंगेशकर को चाहने वालों की संख्या कम नहीं है। राजनेताओ में लता मंगेशकर को शुरूआती दिनों से बहुत इज्जत हासिल रहा है। एक बार उनकी गायकी को सुनकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के आंख से आंसु झलक गए।

           पंडित जवाहरलाल नेहरू को इतिहास में बहुत प्रैक्टिकल नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होने अपने  जीवन पर कभी भी भावनाओं को भारी नहीं पड़ने दिया। और ना ही सार्वजनिक रूप से इसका प्रदर्शन ही किया। लेकिन लता के गाना सुनने के बाद उनके आंसू झलक गए। इस बात को आज भी याद किया जाता है।

              पंडित वाहरलाल नेहरू के बारे में मशहूर था कि वह सार्वजनिक तौर पर कभी भी भावुक नजर नहीं आए। और ना ही किसी को रोते हुए देखना पसंद किया। लेकिन 27 जनवरी, 1963 को दिल्ली में जब लता मंगेशकर ने एक कार्यक्रम में कवि प्रदीप का गीत ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया तो पंडित जवाहर लाल नेहरू की आंखे छलछला गयीं थी।

           गाने के बाद लता स्टेज के पीछे पीती लता मंगेशकर को किसी के माध्यम से पंडितजी ने बुलाया। जैसे ही लता पंडित जी के पास पहुंची। उन्होने तपाक लता को गले से लगा दिया। और रोने लगे। नेहरू ने कहा, “बहुत अच्छा गाती है। इस लड़की ने मेरी आँखों में पानी ला दिया। इसके बाद गाने के मास्टर टेप को विविध भारती को हवाले किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

                 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर ता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक जताया है। पीएम ने  कहा कि  ”मैं अपने दुख का बयान शब्दों में नहीं कर सकता हूँ। दयालु और सबका ख़्याल रखने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गयी। दुनिया में लता दीदी की कमी की भरपाई संभव नहीं है। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के तौर पर याद रखेंगी.। उनकी आवाज़ में लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली अतुलनीय क्षमता थी।

          ”लता दीदी ने दशकों तक भारतीय फ़िल्म में हुए बदलावों को क़रीब से देखा। फ़िल्मों से अलग, वह भारत की प्रगति को लेकर हमेशा उत्साहित रहती थीं।  वह हमेशा एक मज़बूत और विकसित भारत चाहती थीं.।

प्रधानमंत्री ने ट्विट पर लिखा है कि ‘मेरे लिए ये सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से अपार स्नेह मिला। उनके साथ हुई बातें मेरे लिए यादगार रहेंगी.। मैं लता दीदी के जाने पर भारतीयों के दुख में शामिल हूँ.। रद्धांजलि दी. ओम शांति.’’।

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