कृषि मंत्री का केन्द्र पर निशाना..हमारा किसान..गोबर से ही 1 दिन में केन्द्रीय राशि से 4 गुना कमाता है..मनमोहन बिल में हुई छेड़छाड़..हमने बना दिया कानून..कहा बीजेपी में भारी अन्तर्कलह

Editor
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बिलासपुर—- प्रदेश कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज जल संसाधन स्थित प्रार्थना सभा में प्रदेश सरकार का दो साल का लेखा जोखा पेश किया। उन्होने कहा कि पिछले दो साल में जितना समग्र विकास हुआ..ऐसा विकास पन्द्रह सालों में नहीं हुआ। पत्रकार वार्ता के दौरान चौबे ने कहा कि मनमोहन सिंह के कृषि कानून में वर्तमान केन्द्र सरकार ने कुछ ऐसा बदलाव किया है कि जिससे किसानों का बरबाद होना निश्चित है। इसलिए हम किसानों के साथ हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने किसान हित में नया कानून लाया है। उन्होने इस दौरान यह भी कहा कि चूंकि शराबबन्दी की दिशा में अभी काम काज चल रहा है। इसलिए मुद्दे को दो साल के लेखा जोखा में शामिल नहीं किया गया है।
 
           रविन्द्र चौबे ने आज प्रार्थना सभा में भूपेश सरकार के दो साल का लेखा जोखा पेश किया। उन्होने बताया कि 17 दिसम्बर को सरकार को पूरे 2 साल हो जाएंगे। पिछले दो साल में छत्तीसगढ़ का सम्मान और स्वाभिमान आसमान की ऊंचाइयों को छुआ है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति समेत खान पान हर चीज़ को देश और दुनिया में सम्मानित पहचान मिली है।
 
                योजनाओं का जिक्र और रोजगार को लेकर जलसंसाधन मंत्री ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि नरवा गरवा घुरवा बारी योजना को देश ही नहीं दुनिया ने सम्मान किया है। किसानों का कर्ज माफी के साथ धान खरीदी को लेकर जो वादा किया गया। भूपेश सरकार ने मुख्यमंत्री बनते ही मात्र 10 घंटे के अन्दर पूरा कर दिखाया । सच तो यह है कि भूपेश  सरकार जो कहती है उसे कर के दिखाती भी है।
 
             पूरा देश कोरोना की मार से परेशान है। देश के कई राज्यों ने सबसे पहले कर्मचारियों के वेतन में कटौती की। लेकिन भूपेश सरकार ने किसी भी कर्मचारी के वेतन को हाथ नहीं लगाया। और कर्मचारियों ने भी हर कदम पर सरकार का साथ दिया। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना काल मे हर एक व्यक्ति का साथ निभाया है। लेकिन केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज में 20 नया पैसा भी किसी को नहीं मिला है।
 
            सारा देश मंदी के दौर से गुजर रहा था..आज भी वही स्थिति है। बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में राजस्व की कमी नहीं हुई। जबकि कई बार पत्र लिखे जाने के बाद भी केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के जीएसटी का हिस्सा 5 हजार करोड़ रुपये नही दिए हैं।
 
                        केन्द्रीय कषि को लेकर किसानों के साथ कांग्रेसी भी विरोध कर रहे है। यह जानते हुए भी कि यह मनमोहन सरकार ने तैयार किया है। फिर कांग्रेस किस बात को लेकर विरोध कर रही है। सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह के बिल में वर्तमान केन्द्र सरकार ने किसानों के हितों को नजर अंदाज कर संशोधन किया है। इसलिए हमारा विरोध है। लेकिन भूपेश सरकार प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय नही होने देगी। इसलिए किसानों के लिए प्रदेश सरकार ने विधेयक लाया है। चौबे ने बताया कि केन्द्रीय बिल में भण्डारण. कान्टेक्ट और एपीएमसी बिल दोषपूर्ण है। यह कृषि बिल नहीं बल्कि वाणिज्यिक बिल है। कृषि पर बिल लाने का अधिकार केवल राज्य का है। 
    
                    सवाल जवाब के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में देशभर के किसानों का जमकर विरोध हो रहा है। एक ओर किसान समर्थन मूल्य पाने के लिये तरस रहे हैं।  लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को भुपेश सरकार पर विश्वास है। 2500 रुपये क्विंटल धान ख़रीदने का वादे पर सरकार अडिग है। 1 लाख बजट में 20 हजार करोड़ रुपये किसानों को मिला है। बजट में प्रावधान करके 5700 करोड़ रुपये राजीव गांधी न्याय योजना रुपए किसानों को दिया गया है।  सिंचाई टैक्स का 244 करोड़ माफ किया गया है। धान खरीदी के लिए सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ के सभी धान खरीदी केंद्रों में पक्का चबूतरा बनाने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ में इथेनॉल बनाने के लिए 6 एमओयू हो चुका है।
 
              सवाल का जवाब देते हुए जल संसाधन मंत्री ने बताया कि गौठान प्रदेश की सफल योजना है। आज केन्द्र सरकार देश के किसानों को प्रति महीने के हिसाब से निराश्रित योजना से मिलने वाली राशि से भी कम का भुगतान किया जा रहा है। जबकि हमारे गोधन योजना से हमारा किसान एक ही दिन में एक महीने की कमाई करता है। चाहे उसके पास मवेशी हो या ना हो। गोवर बेचकर एक दिन में पांच सौ से अधिक कमा लेता है।
 
                                युद्धबीर के बयान के सवाल पर रविन्द्र चौबे ने कहा..कि ऐसा लगता है कि भाजपा में भारी अन्तर्कलह है। लेकिन चौबे ने कांग्रेस प्रवेश के सवाल पर गोल मोल जवाब दिया। उन्होने इतना जरूर कहा कि जू देव परिवार कदवाला और सम्मानित परिवार है। बयान से भाजपा में अन्तर्कलह का संकेत मिल रहा है।
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