जब फुटपाथ पर बैठा मोची ने ललकारा..विधायक जी जरा सुनिए..मेरी बेटी भी आत्मानन्द में पढ़ना चाहती है..शैलेष ने मोची से क्या कहा..पढ़िए खबर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- खपरगंज स्थित लाला लाजपतराय स्वामी स्वामी आत्मानंद स्कूल में नगर विधायक शैलेष पांडेय ने 45 छात्राओं के बीच सायकल का वितरण किया। इस दौरान स्कूल प्राचार्य और चैयरमैन ने  स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की उपलब्धियों को पेश किया। साथ ही सभी छात्र छात्राओं केबीच नगर विधायक ने निशुल्क पुस्तक का भी वितरण किया। बच्चियों ने सायकल मिलने के बाद अपनी खुशियों का इजहार किया। इसके पहले स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी स्कूल  परम्परा अनुसार अंग्रेजी में भाषण दिया। और छात्राओं के बीच पहुंचकर संवाद भी किया।
                खपरगंज स्थित आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल में मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेष पांडेय ने 45 छात्राओं के बीच सायकल का निशुल्क वितरण किया। सायकल वितरण से पहले स्कूल के प्राधानाचार्य और चैयरमैन ने स्कूल की उपलब्धियों को विधायक के साथ साझा किया। विधायक ने बच्चों के बीच पहुंचकर संवाद किया। और स्कूल के अनुभवों के बारे में भी पूछा।
         विधायक ने कहा कि योजना के योजना के तहत शासन ने छात्राओं को सायकल उपहार में दिया है। उम्मीद है कि बच्चियों की आगे की पढाई निर्वाध रूप से होगी। विद्यालय से दूर रहने वाली और आर्थिक तंगी से जुझ रहे परिवार की बेटियो के लिए योजना वरदान है। योजना के तहत साइकिल प्राप्त करने वाली छात्राएं अपने घरों से आसानी से पढाई के लिए स्कूल पहुंच सकेंगी।
                     इस दौरान विधायक ने एक बच्चों से परिचय भी लिया। उनके सपनों के बारे में भी पूछा। पुस्तक वितरण के दौरान विधायक ने एक नन्हे बच्चे को गोद में उठाया। और पुस्तक भेंट किया।
               कार्यक्रम में पार्षद शहजादी कुरैशी, भरत कश्यप, रामा बघेल, एल्डरमैन शैलेंद्र जयसवाल, बंटी गुप्ता, सुबोध केसरी, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष फराज़ खान, शेखर मुदलियार, सुदेश दुबे, जय प्रकाश मित्तल, अमीन मुगल, अजय काले, शाश्वत तिवारी, आयुष ठाकुर, सुदेश नंदिनी ठाकुर, शाहिद खान, अमान बल्ली खान, फराज़ जफर, समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
विधायक जी जरा सुनिए~~पीछे देखिए..मैं हूं…
 
            कार्यक्रम के बाद लोगों से मिलते जब विधायक शैलेष पाण्डेय बाहर निकले तो..मुख्य प्रवेश द्वार पर पीछे से एक आवाज आयी। चिलचिलाती धूप में फुटपाथ पर बैठे एक मोची ने दो तीन बार  आवाज दिया। विधायक जी सुनिए..अचकचा कर जब विधायक ने पीछे देखा तो मोची ने हाथ जोड़कर अपने पास बुलाया। और विधायक ने भी औपचारिकता को दरकिनार कर मोची के सामने पालथी मारकर बैठ गए। ऐसा होते देख आसपास भीड़ लग गयी। दोनों के बीच सहज संवाद शुरू हुआ। वहीं प्राचार्य ने भी बिना देर किए मोची के बगल में पालथी मारकर बैठ गए। 
                         अपने पास पालथी मारकर बैठे मोची ने कहा..आप और आपकी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। आत्मानन्द स्कूल के खुलने से बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। अब गरीबों के भी बच्चे अंग्रेजी में पढ़ रहे हैं। कल तक यह संभव नहीं था। क्योंकि अंग्रेजी में पढने के लिए बहुत रूपए चाहिए।  मैं भी गरीब हूं..मेरी बेटी का नाम साक्षी अहिरवार है। आप मेरी बेटी साक्षी का एडमिशन स्वामी आत्मानंद स्कूल में करवा दीजिए।
                    आंखों में आंसू भरकर शैलेष ने कहा..खुशी हुई आप से बातचीत कर। खुशी इस बात को लेकर भी है कि सरकार की योजना ने घर घर में शिक्षा का अलख जगाया है। हरसंभव प्रयास किया जाएगा कि साक्षी भी आत्मानन्द स्कूल परिवार का हिस्सा बने। और शैलेष पाण्डेय ने पास में ही पालथी मारकर बैठे प्राचार्य की तरफ इशारा किया। और कहा कि आत्मानन्द स्कूल योजना गरीब अभिभावकों के बच्चों के लिए है। शिक्षा की रोशनी अंतिम परिवार तक पहुंचे सरकार की भी मंशा है। यदि संभव हो तो साक्षी का प्रवेश अंग्रेजी माध्यम स्कूल में किया जाए। प्राचार्य ने आश्वासन ने भी साक्षी के लिए स्कूल का दरवाजा खोलने का आश्वासन दिया।
            इस दौरान विधायक ने मोची से कहा कि साक्षी का एडमिशन  जरूर होगा। गरीब परिवारों के लिए ही सरकारी इंग्लिश मीडीयम स्कूल खोला गया। इसके लिए मुख्यमंत्री और  शिक्षा मंत्री के प्रति आभार जाहिर करता हूं।

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