बिलासपुर—किसान आत्महत्या मामले की आग अभी बुझी नहीं है। जिला किसान मोर्चा के बैनर तले भाजपा नेताओं ने राज्यपाल के नाम पत्र लिखकर मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। भाजपा नेता और बिल्हा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है। इसके लिए पटवारी के पीछे बड़ी मछलियों की भी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसका खुलासा न्यायिक जांच के बाद ही संभव है।
जिला किसान मोर्चा के बैनर तले आज भाजपा नेताओं समेत किसानों ने राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। संगठन के पदाधिकारियों ने राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को लिखे पत्र में न्यायिक जांच की मांग की है।
भाजपा नेता और बिल्हा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि किसान आत्महत्या और रिश्वत मामले में पटवारी बहुत ही छोटा मोहरा है। चूंकि सभी जानते है कि पटवारी के पास आजकल कोई काम धाम नहीं है। वह सिर्फ वसूली के काम तक सीमित होकर रह गया है।
किसान ने 6 महीने पहले पटवारी को पर्ची बनाने के लिए पटवारी को पांच हजार रूपये दिया। बावजूद इसके पटवारी ने पर्ची नहीं बनाया। क्योंकि पटवारी को अपने लिए भी रूपये चाहिए थे। यही कारण है कि पटवारी ने पर्ची नहीं बनाया। कुल मिलाकर सिस्टम ने किसान को आत्महत्या के मजबूर किया है।
विक्रम ने बताया कि मामले में निष्पक्ष जांच की जरूरत है। तभी सारा मामला सामने आएगा। किसान मोर्चा के नेताओं ने बताया कि सिर्फ पटवारी पर कार्रवाई होने से मामले पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। इसलिए हमने राज्यपाल के नाम पत्र लिखकर न्यायिक जांच की मांग की है।
पत्र के माध्यम से राज्यपाल से निवेदन किया गया है कि पीड़ित किसान परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके अलावा 25 लाख रूपए तत्काल राहत राशि के रूप में किसान परिवार प्रदान किया जाए। अन्यथा किसान मोर्चा उग्र प्रदर्शन के लिए तैयार है।