नई दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ”पूरे देश में हर सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर अपने राज्य के गरीब लोगों को राशन बांटती है. जबसे देश में राशन बांटना शुरू हुआ तब से गरीब लोगों को राशन लेने में बहुत दिक्कत आ रही है. कभी दुकान बंद मिलती है तो कभी मिलावट मिलती है तो कभी पैसा ज्यादा ले लेते हैं वगैरा-वगैरा. पिछले 5 साल में हमने राशन की व्यवस्था में बहुत सुधार किए हैं.” CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये और रहे देश प्रदेश की खबरों से अपडेट
उन्होंने आगे कहा, ”आज हमारी कैबिनेट ने सुबह 11 बजे जो निर्णय लिए हैं वह किसी क्रांतिकारी निर्णय से कम नहीं है. आज हमने दिल्ली में डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन की योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का नाम होगा ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’. इस योजना के तहत अब लोगों को राशन की दुकान पर नहीं आना पड़ेगा बल्कि राशन लोगों के घर इज्जत से पहुंचाया जाएगा. एफसीआई के गोदाम से गेहूं उठाया जाएगा और आटा पिसवाया जाएगा. चावल और चीनी आदि की भी पैकिंग की जाएगी और लोगों को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा.”
सीएम केजरीवाल ने कहा, ”लोगों को यह विकल्प दिया जाएगा कि जो दुकान पर जा कर राशन लेना चाहेगा वह दुकान पर जाकर ले सकता है और अगर होम डिलीवरी चाहते हैं तो उसका विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं. अगले छह से 7 महीने में होम डिलीवरी राशन की शुरू हो जाएगी. होम डिलीवरी में गेहूं की बजाय आटा दिया जाएगा. जिस दिन दिल्ली में राशन की होम डिलीवरी शुरू होगी उसी दिन केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना दिल्ली में लागू कर दी जाएगी.”
आज दिल्ली सरकार द्वारा 'Doorstep delivery of ration' योजना को मंजूरी दे दी गई है।
— AAP Express ?? (@AAPExpress) July 21, 2020
'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना के तहत अब लोगों को राशन की दुकान पर नहीं आना होगा। सरकार गरीब लोगों के घर तक राशन पहुँचाएगी। : .@ArvindKejriwal pic.twitter.com/Dr5qvvCQze
मुख्यमंत्री ने कहा, ”व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है. क्योंकि राजनीति में आने से पहले मैं और मनीष सिसोदिया जी परिवर्तन नाम की संस्था चलाया करते थे. दिल्ली की झुग्गी बस्तियों के अंदर गरीब लोगों के साथ काम किया करते थे गरीबों के हक के लिए काम करते थे. जब उनको राशन नहीं मिलता था तो उनको राशन दिलाने के लिए काम करते थे. सूचना का अधिकार कानून का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हमने लोगों को राशन दिलवाने में किया. उन दिनों में लोगों का राशन चोरी हो जाया करता था और पूरा राशन नहीं मिलता था. सरकारी कागजात में तो एंट्री हो जाती थी कि हमने सबको राशन दे दिया और सब के फर्जी अंगूठे भी लग जाते. जिस तरह हमने डोर स्टेप डिलीवरी ऑफर सर्विस किया था इसी तरह से गवर्नेंस के क्षेत्र में डोर स्टेप डिलीवरी ऑपरेशन बहुत बड़ा कदम होगा.”