बिलासपुर— सिम्स अधीक्षक ने एक बार फिर तुलगकी फरमान जारी किया है। फरमान के अनुसार दो पहिया वाहनों पर सिम्स कैम्पस में प्रवेश निषेध कर दिया गया है। नए फरमान के बाद किसी भी दो पहिया वाहनों को कैम्पस में प्रवेश नहीं करने दिया गया। आदेश के बाद मरीजों से मिलने पहुंचे लोगों ने गाडियों को स़ड़क किनारे पार्क कर दिया। जिसके चलते यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गयी।
आज सुबह सिम्स अधीक्षक के नए तुगलकी फरमान ने बिलासपुर की यातायात व्यवस्था को चरमरा दिया है। सिम्स अधीक्षक ने फरमान जारी करते हुए दो पहिया वाहनों को कैम्पस में पार्किंग से मना कर दिया है।आदेश के बाद मरीजों से मिलने पहुचे लोगों ने मोटरसायकल को सिम्स से बाहर सड़क किनारे खड़ा कर दिया। देखते ही देखते यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गयी। स्थिति को देखते ही सिम्स अधीक्षक से यातायात डीएसपी मधुलिका सिंह ने मिलने का प्रयास किया लेकिन अधीक्षक ने मिलना मुनासिब नहीं समझा। इस बीच यातायात पुलिस की सड़क किनारे लगे ठेलो के खिलाफ कार्रवाई से अफरा तफरी का माहौल बन गया।
मालूम हो कि सिम्स में मरीजों से मिलने दिनभर हजारों की संख्या में लोग मोटर सायकल या चार पहिया वाहन से पहुंचते हैं। गाड़ी को कैम्पस के अंदर ही खड़ा करते हैं। लेकिन आज सुबह सिम्स अधीक्षक रवि कांत दास ने आदेश जारी किया कि सिम्स बिल्डिंग के भीतर केवल स्टाफ की गाड़ी या फिर मरीजो को लेकर आने वाली संजीवनी और एम्बूलेंस को ही प्रवेश दिया जाएगा। आदेश पर अमल करते हुए गेट पर तैनात गार्डो ने गाड़ियो को बाहर ही रोक दिया।
लोग सड़क किनारे गाड़ी खड़ा कर मरीजों से मिलने चले गए। सड़क किनारे गाड़ियों की लगातार बढती संख्या से यातायात व्यवस्था बुरी तरह से चरमराने लगी। सिम्स के सामने जाम की खबर मिलते ही डीएसपी मधुलिका सिंह उपाध्याय और यातायात अमला मौके पर पहुच गया। देखते ही देखते नगर निगम का गाऊ केचर भी पहुंच गया।
गाड़ियो को सिम्स में पाकिंग में नही दिए जाने की खबर मिलते ही डीएसपी मधुलिका सिंह ने सिम्स अधीक्षक रविकांत दास से मिलने की कोशिश की। सिम्स अधीक्षक ने मधुलिका सिंह से मिलने से इंकार कर दिया। इसके बाद डीेएसपी ने टीम के साथ सड़क किनारे चाय और पान ठेले को हटाना शुरू कर दिया। सड़क किनारे ख़ड़ी गाडियों को जब्त कर लिया। अचानक हुई कार्रवाई से ठेले खोमचे वालो में हड़कम्प मच गयी। काफी मशक्कत के बाद यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाया गया। वहीं सिम्स प्रबंधन के आदेश के बाद मरीजों के परिजनों और आसपास के लोगों में गहरा आक्रोश है।