बिलासपुर—- जिला पंचायत अधिकारियों ने जान अंजाने में हत्या के सजायाप्ता सचिव को दुबारा गुपचुप तरीके से नौकरी पर बहाल कर दिया है। मामले में जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। कुछ दिनों पहले शिकायत मिली थी। हमने फाइल को बुलवाया है। जल्द ही पता लगाएंगे कि सजायाप्ता सचिव को किसने और किसके दबाव में दुबारा नौकरी पर बहाल किया है।
बताते चलें कि साल 2018 में एक सामुहिक मारपीट के दौरान तात्कालीन समय घुटकू ग्राम पंचायत सचिव अशोक कुमार मांडले ने एक युवक को लाठी और डंडे से मारापीटा। इस दौरान पीडित के परिजनों पर जान लेवा हमला किया। इस दौरान सभी लोगों के पास धारदार हथियार भी मौजूद थे। घटना डीमरापारा तुर्काडीह का है। मामले में तात्कालीन समय कोनी और सरकन्डा पुलिस ने अपराध भी दर्ज किया।
घटना के बाद कुछ लोगों के प्रयास से गंभीर रूप से घायल युवक को अस्पताल के पहले सरकन्डा थाना लाया गया। अपराध कायम के बाद युवक को इलाज के लिए सिम्स अस्पताल में भर्ती किया गया। बाद में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गयी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया कि अधिक जख्मी होने से व्यक्ति की मौत हुई है।
युवक की मौत के बाद मारपीट में शामिल सभी लोगों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किया गया। मामला पुलिस और थाने के रास्ते कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने सभी गवाहों और हालात के मद्देनजर आधा दर्जन लोगों को आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर किया।
मारपीट में शामिल तात्कालीन घुटकू सचिव अशोक कुमार मांडले को भी कोर्ट ने सबके साथ 24 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा का फरमान दिया। इस दौरान 11 महीने जेल में रहने के बाद अशोक कुमार मांडले जमानत पर जेल से बाहर आया। इसके बाद उसने हाथ पांव मारकर गुपचुप तरीके से खुद को बहाल कराया। इस दौरान उसने कोर्ट के फैसले और घटनाक्रम की जानकारी अधिकारियों को नहीं दी।
जानकारी देते चलें कि इस समय अशोक कुमार मांडले उड़गन में एक अन्य ग्राम सचिव के साथ अटैच है। खबर मिल रही है कि जल्द ही मामले को रफा दफा कर उसे स्वतंत्र गांव की जिम्मेदारी दी जाएगी।
परिस्थितियों का पता लगाएंगे
मामले की जानकारी के बाद जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि उन्हें भी इस बात को लेकर शिकायत मिली है। हमने अधिकारी को अशोक मांडले की फाइल को मंगवाया है। चूंकि अधिकारी इस समय छुट्टी पर हैं। छुट्टी से वापस लौटते ही फाइल देखुंगा। पता लगाउंगा कि आखिर सजायाप्ता जमानत पर रिहा व्यक्ति को किस सूरत में बहाल किया गया है। यद्यपि सजायाफ्ता व्यक्ति को नौकरी पर रखने का उनकी जानकारी में कोई प्रावधान नहीं है। फिर भी जानकारी एकत्र करूंगा कि किसके दबाव और किन परिस्थियों में अशोक कुमार मांडले को बहाल किया गया है।