दिल्ली।देश में जानलेवा कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए मामले तो घटते जा रहे हैं, लेकिन अब कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) ने राज्य सरकारों को चिंता में डाल दिया है. सूत्रों के मुताबिक देश में ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के अबतक 40 मामले दर्ज किए गए हैं. ज्यादातर केस महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु से सामने आए हैं. हालांकि डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले मध्य प्रदेश में भी हैं.भारत के अलावा नौ और देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरुआत करनी चाहिए.
मेडिकल विशेषज्ञों (Medical Expert) का कहना है कि डेल्टा प्लस ‘वेरियंट ऑफ कंसर्न’ है. फिलहाल, डेल्टा प्लस वेरियंट के मामले सिर्फ तीन राज्यों केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ही नही हैं. ये दूसरे राज्यों में भी पाए जा रहे हैं, लेकिन वे बिखरे हुए तरीके से पाए जा रहे हैं. अभी तक महाराष्ट्र में 21, मध्य प्रदेश में 6, केरल में 3, पंजाब में 1, तमिलनाडु में 3 और आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 1-1 मरीज मिले हैं.
सबसे बड़ा खतरा है डेल्टा वेरिएंट: फाउची
व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक वेरिएंट ‘डेल्टा’ महामारी का सफाया करने के अमेरिका के प्रयासों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. फाउची ने कहा कि अमेरिका में सामने आने वाले कोविड-19 के नए मामलों में से 20 फीसदी से अधिक में संक्रमण की वजह डेल्टा वेरिएंट है. उन्होंने कहा कि दो हफ्ते पहले तक नए मामलों में से दस फीसदी में यह वेरिएंट पाया गया था.
क्यों आती है कोरोना की नई लहर
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने बताया कि ‘कोरोना की नई लहर इसलिए आती है क्योंकि वायरस घूम रहा है. ऐसे में अगर वायरस रूप बदल देता है तो दिक्कत हो जाती है. इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है. हम वैक्सीन के जरिए ससेप्टिबिलिटी को बदल सकते हैं. अगर हम वायरस को मौका नही देते हैं तो दिक्क्क्त नही होगी.कई देशों में चार वेव तक आयी है. कोरोना वेब को लेकर कही रूल नहीं है, इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.’