सीपत–सीपत के एनटीपीसी बिजली घर से विस्थापित लोगों की परेशानियां बरसों से बरकरार हैं।इस थर्मल पावर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली देश के कई हिस्सों में दूर-दूर तक जाती है। लेकिन इस थर्मल पावर के लिए जिनकी जमीनें ली गई है, उन 8 गांव के लोगों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है और कोई भी इन लोगों तक नहीं पहुंच पाता । सीजीवाल संपादक भास्कर मिश्र और हमारे सीपत संवाददाता रियाज़ अशरफी ने लोगों की इस समस्या से रूबरू होने के लिए कई गांव का दौरा किया । बिजली घर से लगे रांक गांव के लोगों से बातचीत हुई तो साफ समझ में आया कि अब तक विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो सका है।बिजली घर के लिए अपनी जमीन देने वाले लोग साइकिल से बिलासपुर आकर रोजी रोटी कमाते हैं और इतने बड़े प्लांट में उन्हें कोई काम नहीं मिल पाता। गांव के लोगों का कहना है कि कम से कम लोगों को नौकरी देना पड़े इसके लिए एनटीपीसी मैनेजमेंट नियम कायदे की आड़ लेकर साजिश रची और अब तक लोगों को न्याय नहीं मिला है। इस सीरीज में हम एनटीपीसी से प्रभावित कई गांव के लोगों से हुई बातचीत पर आधारित रिपोर्ट एक-एक कर आपको दिखाएंगे। यह रिपोर्ट आप लिंक क्लिक कर देख सकते हैं।
सीपत NTPC के विस्थापितों का दर्द: बिजली घर के लिए जमीन लेकर नहीं दी नौकरी,देखिए रांक गांव की एक रिपोर्ट
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर