Honeypreet’s name changed: डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख और रेप का दोषी गुरमीत राम रहीम इन दिनों पैरोल पर जेल से 40 दिन के लिए बाहर है। राम रहीम का जेल से बाहर आने के बाद बाबा लगातार सुर्खियों में बने हुए है। इस दोरान डेरे की गद्दी को लेकर भी चर्चाएं जारी है। इसी बीच डेरा प्रमुख बाबा ने अपनी सबसे खास और अहम राजदार हनीप्रीत का नाम बदल दिया है। बाबा राम रहीम ने हनीप्रीत का नाम बदलकर ‘रूहानी दीदी’ रख दिया है। हालांकि, हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। जिसे बदलकर हनीप्रीत रखा गया था जिसके बाद एक बार फिर उसका नाम बदल कर रुहानी दीदी रख दिया गया है।
Honeypreet’s name changed: गौरतलब है कि हनीप्रीत, बाबा राम रहीम की सबसे खास अनुयायी है। जब राम रहीम को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब कई दिनों तक हनीप्रीत फरार रही थी। पुलिस ने विदेश तक में उसकी तलाश की थी। हनीप्रीत 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने आई थी। राम रहीम तब लड़कियों को आशीर्वाद देने डेरे के स्कूल पहुंचा था। यहां उसकी नजर हनीप्रीत पर पड़ी थी। फलहाल बाबा रेप केस में जेल के अंदर है और अभी पैरोल पर बाहर है। सत्संग को यूपी, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि प्रांतों और विदेशों में रह रहे अनुयायियों ने यू-ट्यूब पर सुना था।
Honeypreet’s name changed: राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरे की गद्दी को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पैरोल पर बाहर आए राम रहीम से जब डेरे की गद्दी बदले जानी की अटकलों को लेकर सवाल पूछे गए तो डेरा प्रमुख ने कहा,’ हम हैं, हम थे और हम ही गद्दी पर रहेंगे। ये दोनों घोषणा राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थित बरनावा आश्रम में साद संगत को संबोधित करते करते हुए कीं’पैरोल पर निकलने के बाद राम रहीम दो बार सोशल मीडिया के जरिए सत्संग कर चुका है। हरियाणा में आगामी निकाय चुनाव से पहले राम रहीम को मिली पैरोल भी विपक्ष के निशाने पर है। कई नेता गुरमीत राम रहीम के सत्संग में पहुंचकर आशीर्वाद ले रहे हैं।
Honeypreet’s name changed: गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम बरनावा के आश्रम में पैरोल का समय काट रहा है, उसके साथ मुंह बोली बेटी हनीप्रीत और परिवार के अन्य सदस्य भी उनके साथ हैं। राम रहीम के भक्त डेरा प्रमुख के आश्रम में काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। तो वहीं प्रशासन और आश्रम के लोग किसी भी अनजान व्यक्ति को प्रवेश नहीं दे रहे हैं। केवल सदस्यों को ही अंदर जाने की अनुमति है। ऐसे में गुरमीत राम रहीम के बाहर आने पर पहले ही यह विवाद खड़ा हो गया है कि खट्टर सरकार उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है और बार-बार उसे पैरोल दिया जा रहा है। बता दें कि हाल ही में हरियाणा में आदमपुर सीट पर उपचुनाव और पंचायती चुनाव होने जा रहा है।