बिलासपुर— पिछले तीन दिनों के अन्तराल में सेन्ट्रल जीएसटी टीम ने दो बड़े स्थानों पर छापामार कार्रवाई कर शहर में हलचल मचा दिया। छापा मारने के बाद टीम तो लौट गयी..लेकिन अपने पीछे सवाल भी छोड़ गयी है। सूत्रों की माने तो छापामार कार्रवाई प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर किया गया। टीम बिना कुछ बताए पूछताछ और जांच पड़ताल के साथ बलराज पेट्रोल पम्प से जुड़े सभी दस्तावेजो को अपने साथ लेकर रायपुर चली गयी।
पिछले तीन दिनों में पीएमओ के निर्देश पर सेन्ट्रल टीम ने एक साथ शहर में दो बड़े व्यवसायिक केन्द्रों में धावा बोला। अधिकारियों ने भारत होजरी के अलावा वाधवानी ट्रेडर्स संचालकों से पूछताछ को अंजाम दिया । सूत्रों के अनुसार सेन्ट्रल जीएसटी टीम बलराज पेट्रोल पम्प के पूर्व संचालक मोहम्मद तारीख की शिकायत पर जांच करने पहुंची थी।
जांच पड़ताल के दौरान अधिकारियों के सामने बलराज पेट्रोल पम्प संचालकों ने दस्तावेज पेश किया। कस्तूरी राव से जमीन खरीदने से पहले पेट्रोल पम्प का संचालन मोहम्मद तारीख और उसके दो अन्य पार्टनर संचालित कर रहे थे। लीज की तारीख खत्म होने के बाद कस्तूरी राव ने नवीनीकरण से इंकार कर दिया।इसके बाद जमीन हमने खरीदा।
वर्तमान संचालकों ने जमीन खरीदी का रजिसट्री पेश किया। यह भी बताया कि जमीन खऱीदने के बाद हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने मोहम्मद तारीख और परिवार की सहमति से वलराज पेट्रोल पम्प की डीलरशिप हमारे नाम हुआ। पूरी प्रक्रिया में समय भी लगा। एग्रीमेन्ट के बाद पेट्रोल पम्प संचालन का लायसेंस मिला। पेट्रोल पम्प का जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी है।
पूछताछ के दौरान पेट्रोल पम्प संचालकों ने अधिकारियों को मोहम्मद तारीख की शिकायत के बाद नाप तौल विभाग, जीएसटी, खाद्य, पुलिस थाना, पुलिस अधीक्षक कार्यालय की जांच रिपोर्ट भी दिखाया। साथ ही पेट्रोल पम्प के सभी दस्तावेजों को अधिकारियों के हवाले किया।
सामने आया फर्जी जीएसटी का मा्मला
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही कलेक्टर से शिकायत कर पत्रकारों को मोहम्मद तारीख ने बताया था कि मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भी किया है। बलराज पम्प का संचालन फर्जी जीएसटी से किया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद पीएमओ से निर्देश पर सेन्ट्रल जीएसटी टीम पेट्रोल पम्प दस्तानेजों की जांच पड़ताल करने बिलासपुर पहुंची।
बिलासपुर स्थित जीएसटी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फर्जी जीएसटी जैसा कुछ नहीं होता है। क्योंकि पेट्रोल जीएसटी के दायरे से बाहर जरूर है। किन्तु कोई भी नया व्यापार संचालन में जीएसटी पंजीयन जरूरी है। लेकिन फर्जी जीएसटी जैसा कुछ नहीं होता। हां लुब्रीकेन्ट में जीएसटी जरूर है।
बहरहाल सभी विभागों की एलओसी लेकर टीम रवाना हो गयी है। विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जांच पड़ताल की रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जो कुछ होगा एक दिन सबके सामने आ जाएगा।
सूत्र