बिलासपुर(कछरिहा)।हालांकि यह एक संयोग ही है कि आज जब भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री तथा बिलासपुर के लगातार चार बार विधायक रह चुके अमर अग्रवाल अपना जन्मदिन मना रहे थे. ठीक उसी समय उन्हें विधानसभा चुनाव में पहली बार पराजित करने वाले श्री शैलेश पांडे को कांग्रेस से निष्कासित करने की पटकथा लिखी जा रही थी । वैसे बिलासपुर के सभी लोग जानते हैं की अमर अग्रवाल का जन्मदिन 23 सितंबर को नहीं वरन 22 सितंबर को है। लेकिन जशपुर नरेश स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र और दो बार के भाजपा विधायक स्व . युद्धवीर सिंह के निधन और अंत्येष्टि के कारण पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने अपने जन्मदिन का सादगी पूर्ण आयोजन भी 1 दिन के लिए मुल्तवी कर दिया था। इसीलिए कल बुधवार को पूरे दिन अपने निवास पर रहने के बावजूद उन्होंने किसी से भेंट भी नहीं की। और ना ही जन्मदिन की शुभकामनाएं, प्रगट रूप में स्वीकार कीं।
इसलिए श्री अग्रवाल और उनके समर्थक जन्मदिन की बिलेटेड खुशियां साझा कर ही रहे थे कि इसी बीच, श्री अग्रवाल को यह खबर मिली कि बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें पहली बार शिकस्त देने वाले श्री शैलेश पांडे को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित करने का प्रस्ताव बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी पारित कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पार्टी आलाकमान कमान को भेज दिया है। कांग्रेस के भीतर एकाएक उठे इस बवंडर और शहर विधायक शैलेश पांडे के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी का निष्कासन प्रस्ताव ने भाजपा के सभी जमीनी कार्यकर्ताओं को खुश और उनके जिलों को बाग-बाग कर गया। भारतीय जनता पार्टी के बिलासपुर के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके नेता श्री अमर भैया को उनके जन्मदिन पर दिया जाने वाला इससे अच्छा और बड़ा कोई गिफ्ट हो ही नहीं सकता। हमारे खयाल से अब श्री अमर अग्रवाल भी इससे इत्तफाक ही रखते होंगे। अब यह उनके ऊपर है कि वे इसके लिए धन्यवाद किसे देना चाहेंगे। जिला कांग्रेस कमेटी को, बिलासपुर में जमकर चल रही कांग्रेस की गुटबाजी को, अथवा अति उत्साह में पंकज सिंह के समर्थन में सिटी कोतवाली में जाकर बवाल कर कथित अनुशासनहीनता के दायरे में आने वाले बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे को.
अब एक सवाल यह है कि इस मामले में आगे क्या हो सकता है..? क्या, बीते चुनाव में बिलासपुर के सभी दावेदारों को डॉज देकर विधानसभा की कांग्रेस की टिकट लाने वाले श्री शैलेश पांडे, इस बवंडर से बिना किसी नुकसान के निकल पाएंगे अथवा नहीं..? हालांकि यह भविष्य के गर्त में हैं। इसी संदर्भ में कोतवाली थाने में घेराव के दौरान उन्होंने जो बातें कहीं, उसे जिला कांग्रेस कमेटी की तरह क्या प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी अनुशासनहीनता मानेगी। और कांग्रेस आलाकमान का इस मामले में क्या रुख रहता है..? यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि किसी भी विधायक के पार्टी से निष्कासन का निर्णय कांग्रेस आलाकमान ही करता है। इस लिहाज से बिलासपुर में विगत चुनाव के समय और उसके पहले से गुटबाजी के मकड़जाल में उलझे कांग्रेस के लिए आने वाला समय काफी महत्वपूर्ण है।
इस प्रकरण का चाहे जैसे भी पटाक्षेप हो, लेकिन इतनी बात जरूर है कि इस मामले ने विगत 3 साल से नेपथ्य में पड़ी भारतीय जनता पार्टी को तरोताजा करने के लिए हॉर्लिक्स और सिंकारा जैसा टानिक जरूर मुहैया करा दिया है। जो उसके कार्यकर्ताओं और जमीनी नेताओं को जोश खरोश से लबालब करने में चमत्कारिक भूमिका निभा सकता है। बिलासपुर भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं के दिल आज कांग्रेस में घटित इस प्रकरण के बाद जैसे बिल्लियों चल रहे हैं। उसे देखते हुए यही कहना पड़ेगा की बिलासपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के लिए इससे अच्छा बर्थडे गिफ्ट और कुछ हो भी नहीं सकता था।