CG NEWS: बिलासपुर/साहित्यकार या कवि ही वह भाग्यशाली व्यक्तित्व है जो माँ को अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवंत कर देता है।यह विचार सर्वोदय साहित्य एवं कला मंच की मातृदिवस पर आयोजित गोष्ठी में मंच की संयोजिका तथा प्रधान सचिव सोम प्रभा तिवारी ‘ नूर ” ने व्यक्त किया।
14 मई “मातृत्व दिवस”के सुअवसर पर “सर्वोदय साहित्य एवं कला मंच कोटा ” के तत्वावधान में “मां” को समर्पित काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया ।मंच की संयोजिका /सचिव श्रीमती सोमप्रभा ने आगे कहा-“मां ही सृष्टि की सर्वोत्तम रचना है और हम सभी मां की सर्वोत्तम रचना हैं।जीवन में ऐसा कोई पल नहीं जब हम अपने हर सुख _दुख में मां को याद न करते हों।साहित्यकार या कवि अपनी कृतियों के माध्यम से मां के प्रति अपने एहसासों को शब्द और स्वर दे देता है।”
समिति के अध्यक्ष सुधीर मानिकपुरी ने आरंभ में दीप प्रज्वलन किया। श्रीमती रीना गुप्ता के सुमधुर सरस्वती वंदना ने सबको भक्ति रस में सराबोर कर दिया ।तत्पश्चात वीरेन्द्र दास मानिकपुरी ने “मां और शारदे मैया”पर अपनी शानदार रचना का पाठ किया। संरक्षक देवेन्द्र शर्मा “पुष्प “की बाल कविता “चलो चलेंगे नानी के घर छुट्टी में”ने सबको बचपन की याद दिला दी। संरक्षक सतीश तिवारी तथा कोषाध्यक्ष श्रीमती प्रभा शर्मा ने सबके मन को मोह लेने वाले गीत और सजल सुनाए ।सुधीर मानिकपुरी ने माता की ममता और महत्ता पर अपने सुविचार कविताओं के रूप में प्रस्तुत किया। सहसचिव विष्णु गुप्ता के कर्णप्रिय गीतों ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया ।
कार्यक्रम में कविश्री मोहित साहू ,विनोद गुप्ता ,चंद्रप्रकाश साहू ,राजेश साहू, रामनारायण तिवारी तथा लक्ष्मीनारायण अग्रहरी ने मां को समर्पित एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाईं।इस अवसर पर साहित्यकारों के अलावा बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी भी मौजूद रहे हैं ।
समिति के अध्यक्ष सुधीर मानिकपुरी तथा संस्थापिका श्रीमति सोमप्रभा “नूर”के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ ।उल्लेखनीय है कि”सर्वोदय साहित्य एवं कला मंच ” कोटा क्षेत्र में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध है ।
CG NEWS: साहित्यकार ही वह व्यक्तित्व, जो माँ को जीवंत करता है-सोम
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