LOCKDOWN-चीन के शंघाई शहर में दो साल बाद लगा सबसे बड़ा कोरोना लॉकडाउन

Shri Mi
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कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया को डरा रहा है. यूरोप से लेकर जापान तक कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट बेहद तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. खासकर चीन में जहां से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी. चीन के खूबसूरत शहर शंघाई में मंगलवार को कोरोना के रिकॉर्ड 4477 नए  मामले दर्ज होने के बाद हड़कंप मचा है.शंघाई अपनी आलीशान इमारतों, शानदार सड़कों और जिंदादिल लोगों के लिए जाना जाता है. शंघाई को ग्लोबल फाइनेंसियल हब भी कहते हैं लेकिन इन दिनों शंघाई बड़ी मुसीबत में है. शंघाई की सड़कें सूनी पड़ी हैं और करीब दो करोड़ साठ लाख लोग घरों में बंद हैं. ऐसा कोरोना की नई लहर की वजह से हुआ है. चीन में तेजी से फैलते ओमिक्रोन की वजह से शंघाई में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है, लोगों को बस कोरोना टेस्टिंग के लिए घर से बाहर निकलने की इजाजत है.

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शंघाई एक्सपो सेंटर में आईसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जहां छह हजार मरीजों के इलाज का इंतजाम किया गया है. यही नहीं शंघाई के बडे-बड़े स्टेडियम्स को भी कोविड केयर सेंटर में बदल दिया गया है. शंघाई प्रशासन जीरो कोविड पॉलिसी के तरह पूरी आबादी को कोविड टेस्ट करने में जुटा है. 

चीन में 87 फीसदी लोगों को लगी वैक्सीन
चीन में सिर्फ शंघाई ही नहीं कई बड़े प्रांत इन दिनों को कोरोना की भंयकर लहर से गुजर रहे हैं. ये हाल तब है जब चीन में 87 फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है लेकिन फिर भी ओमिक्रोन का BA-2 वेरिएंट यानी स्टेल्थ ओमिक्रोन लोगों को अपनी में ले रहा है. चीन के अलावा दक्षिण पूर्वी एशियाई के कई और देश इन दिनों कोविड की लहर का सामना कर रहे हैं. इसमें जापान, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया की हालत सबसे खराब है. साउथ कोरिया में तो पिछले चौबीस घंटे में 3 लाख 47 हजार 374 लोगों नए केस सामने आए हैं जबकि 237 लोगों की जान गई है. 

यही हाल यूरोप के देशों का भी है. फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स, इटली, ऑस्ट्रिया समेत कई देशों में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. फ्रांस में तो फिर से स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो गई है. भारत में भी कोरोना की नई लहर का खतरा बना हुआ है, विशेषज्ञ जून में चौथी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं और इसीलिए सरकार ने भी इंतजामों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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